Wednesday, January 30, 2013

धार्मिक भावनाएं आहत

1.पाकिस्तान पे हमले की बात की जाये तो धार्मिक भावनाएं आहत हो जाती है....


 जय  बाबा बनारस ....

Thursday, January 24, 2013

हिन्दुओं और हिन्दुत्व के बारे बातें करना – सांप्रदायिक

हिन्दुओं और हिन्दुत्व के बारे बातें करना – सांप्रदायिक....


जय बाबा बनारस।।।।

Monday, January 21, 2013

अंधी सरकार, अँधा कानून

पाकिस्तान का विरोध करने पर गिरफ़्तारी, अंधी सरकार, अँधा कानून ।

पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों के सर कटे जाने की विरोध में हिन्दू सेना ने १० जनवरी को पाकिस्तानी दूतावास पर प्रदर्शन किया था और दूतावास की दीवार पर कालिख पोती थी और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लिखे थे।
उसके बाद से ही दिल्ली पुलिस सभी प्रदर्शन कारियों की खोज में लगी हुयी थी, आज दिल्ली पुलिस ने हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को पूछताछ के लिए बुलाकर सलमान खुर्शीद के निर्देश पर धोखे से गिरफ्तार कर लिया और उनसे जबरदस्ती बयान लिखवाये गए और साथ में सम्मलित प्रशान्त पटेल तथा अन्य प्रदर्शन कारियों के नाम बताने की लिए पुलिस दबाव डाल रही है।
उसके बाद विष्णु गुप्ता को पटियाला हॉउस कोर्ट में पेश किया गया, हमारे साथी लवी भरद्वाज जी अपने वकील साथ जमानत लेने भी गए परन्तु जज ने जमानत देने से मना कर दिया और मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विष्णु गुप्ता को १४ दिन की पुलिस हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दे दिया।

अब प्रश्न यह उठता है क्या हम स्वतन्त्र भारत में रहकर पाकिस्तान का विरोध भी नहीं कर सकते ।


क्या यह सच है।।।।

जय बाबा बनारस।।।।

Monday, January 14, 2013

चोर और पाकिस्तान

चोर और पाकिस्तान लगता है न कुछ अटपटा सा ....

1.चोर कभी नहीं कहता है की उसने कभी चोरी की है और यही हरामी पाकिस्तान कहता है ....कुछ है न समानता।।।

अब कुछ समानता आप को बतानी है।।।

जय बाबा बनारस।।।।।।।।।

Wednesday, January 9, 2013

अब आगे क्या होगा पता नहीं ?

अब आगे क्या होगा पता नहीं ?

एक बार मुझे अपने घर के रास्ते में एक कांटा चुभा । जूता छेद कर अन्दर तक चला गया । बहुत दर्द हुआ; बड़ा, लम्बा-मोटा था । मैंने निकाला और किनारे फैंक दिया फिर भूल गया । एक दो दिन तक हलकी पीड़ा रही; उसके बाद तो बिलकुल भी याद न रहा ।

कुछ दिन बाद मेरे बेटे ने शाम को लंगड़ाते हुए शिकायत करी; कि उसे उसी रास्ते पर दिन में कांटा चुभा, और क्योंकि वह चप्पल में था तो पांव में ज्यादा अन्दर तक गया और अब पीड़ा हो रही है । उसे सावधान रह कर चलने और खेलने की नसीहत देकर मैं एक दो दिन में फिर भूल गया ।

कुछ दिन बाद हमारे क्षेत्र के कुछ लोग जिनके पास खाली समय प्रयाप्त होता है। वह आये और उन्होंने बताया कि रास्ते में कांटे और कुछ गन्दगी हो जाती है उसे साफ करने के लिए हमने एक समिति बना दी है । और 'हम', लोगों से इसमें आने वाले खर्च के लिए चंदा एकत्र कर रहे हैं आप भी दो। हमें यह कार्य ठीक लगा, हमने उन्हें चंदा देदिया ।
अब वह नियमित तौर पर चंदा लेने आने लगे, पहले महीने में एक बार, फिर; साप्ताहिक ।
कुछ समय गुजरा; हमें भी, और अन्य लोगों को भी लगा; कि चलो काँटों से तो मुक्ति मिली।

लेकिन ऐसा हुआ नहीं कुछ समय बाद काँटों की शिकायतें फिर से मिलने लगीं, अपितु अधिक मिलने लगीं स्वयं मैंने भी देखा संभल कर न चलें तो जरुर कांटा चुभ जाये ।
क्या हुआ ? उनसे पूछा जो चंदा लेने आते थे, उन्होंने बताया; कि चंदा कम पड़ने लगा बढ़ाना पड़ेगा, तभी व्यवस्था हो सकती है…। क्षेत्र के लोगों की सभा बुला ली गयी..., उनका विरोध हो गया...., नयी समिति वालों ने कहा; कि हम करेंगे अच्छी व्यवस्था, "वो सौ बढ़ाने को कह रहे हैं हम पचास रुपये बढाकर ही ये काम करेंगे" । सबको बात सही लगी । दरअसल कोई नहीं चाहता था कि उसे या उसके बच्चों को कांटे चुभें । ........... ।

कुछ समय बाद नयी समिति ने भी वही नाटक कर दिया । इस बार पुरानी वाली समिति ने अपना दावा ठोक दिया; कि हम करेंगे सही व्यवस्था …… ।

इसी तरह चल रहा था, कि "हमारी कालोनी में एक नए निवासी आ गए कुछ समय बाद जब उन्हें इस अवस्था का ज्ञान हुआ तो उन्होंने एक सुझाव दिया; कि हम केवल रास्ते से कांटे क्यों साफ करवा रहे हैं। क्यों न जहाँ से वो कांटे रास्ते पर आ रहे हैं वही से उन्हें साफ करवाएं"।

सभी को सांप सा सूंघ गया, "ये बात आज तक क्यों नहीं सूझी" जब समझ आया तो सभी ने बात का समर्थन किया। पर; जो कांटे साफ करने के लिए चंदा करते थे, वह एकदम से चुप हो गए, क्या कहें विरोध करें तो जानता के बुरे, न करें तो अपनी कमाई छूटे।
न निगले बन रहा न उगले बने ऐसी स्थिति हो गयी है ।

अब आगे क्या होगा पता नहीं ?

पर हम तो उन मूल बदलाव लाने वाले के साथ में हो गए हैं । जो समस्या को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं ।

हमारे देश का भी यही हाल है। कल जो पाकिस्तान ने किया सब सही है  और मन मोहन मुरली बजा रहा है।पता नहीं कब इसका गला खुलेगा ....

जय बाबा बनारस।।।।।

Saturday, January 5, 2013

आँकडे.....

आज आपके सामने मैँ बहुत ही महत्वपूर्ण तथ्य 
रखने जा रह हैं आशा करते हैं कि आप ध्यान देँगे

ये सभी आँकडे 2012 के हैँ...!!

#भारत मेँ 33 हजार काँलेज हैँ परन्तु इनमे से
एक भी विश्व के 200 मे नहीँ है

#विश्व शिक्षा सूची मेँ शामिल 181 देशोँ मेँ भारत का
स्थान 150 के करीब है

#गुणवत्ता के हिसाब से 73 देशोँ मेँ 72 वे स्थान पर है

#बी ए के 10 ग्रेजुएट मेँ से मात्र 1 नौकरी के लायक है

# बी टेक के 4 ग्रेजुएट मेँ से मात्र 1 नौकरी के लायक है

#प्राथमिक स्कूलोँ मे 78% बच्चे दाखिला लेते हैँ पर
मात्र 13% उच्च अर्थात 6 कक्षा मेँ दाखिला लेते हैँ

#भारत के 90% मेँ से 70% विश्वविश्व विद्यालय औसत दर्जे
की शिक्षा भी नहीँ दे पा रहे...!!

इसके मुख्य कारण:

#हालाँकि देश कि जिनके पास हैसियत है वो अपना पेट काट कर
#हमे बचपन से 33%अंक लाने की आदत डाल कर देश मेँ गधे पैदा
किये जाते हैँ तथा गरीब को गरीब बना कर रखा जाता है

अपने बच्चे पब्लिक स्कूलोँ मेँ पढाते पाते हैँ

#देश की 75% से ज्यादा आबादी जो 20 रुपये रोज की मोहताज है
वो क्या करे?


जय बाबा बनारस।।।।

Thursday, January 3, 2013

गूँज ....

एक छोटा बच्चा अपनी माँ से नाराज होकर चिल्लाने लगा मे तुमसे नफरत करता हूँ
उसके बाद वह फटकारे जाने के डर से घर से भाग गया वह पहाड़ियों के
पास जाकर चीखने लगा
"मै तुमसे नफरत करता हूँ" और वही आवाज पहाड़ों मे गूँज ने लगी
उसने जिंदगी मे
पहली बार कोई गूँज सुनी थी

वह डर कर बचाव के
लिये माँ के पास भागा और बोला घाटी मे एक बुरा बच्चा है जो चिल्लाता है मे
तुमसे नफरत करता हूँ

उसकी माँ समझ गई और उसने अपने बेटे से कहा कि वह पहाड़ी पर जा कर फिर चिल्ला कर कहै मै तुम्हें प्यार करता हूँ

और बच्चे ने ऐसा ही किया ओर वही आवाज गूँजी इस घटना से बच्चे को एक सीख मिली

हमारा जीवन एक गूँज की तरह है हमें वही वापस मिलता है जो हम देते है जब आप दूसरों के लिये अच्छे बन जाते हो
तो खुद के लिये और भी बेहतर बन जाते हो....!!!!



जय बाबा बनारस।।।।