Tuesday, December 27, 2011

जानकर हकीकत उस खुदा की |


नूरा कुश्ती नूरा कुश्ती होती है  जनता की खुदा सरकार जब सरकार ही ऐसे  हो तो आम जनता का किया होगा ...............................................................................................................................................................

वह ऐतबार ही क्या जो उठ जाए हकीकत से |

पेश कर हकीकतें उन मसीहाओं की ||

जानकर हकीकत उस खुदा की |

तेरा भी ऐतबार उस खुदा पर हो जाएगा ||........

जब नूरा कुश्ती करनी है तब ये दुनिया भर का ताम झाम कियो करते हो 

कल जब पूरा हिंदुस्तान आँख लगा कर बुद्धू बक्शा देख रहा था 

तो किसी उम्मीद के साथ  अपना टाइम बर्बाद कर रहा था 

लेकिन रात को वही ढाक के तीन पात  जय चंद की जमातो 

ने वही किया जो उनके आका चाहते थे फिर काहे का हो हल्ला करते हो....

 मरता है मरने दो वो देल्ली मरे या बम्बई मरे ....सरकार का क्या जाता है..

जय बाबा  बनारस....

Tuesday, December 13, 2011

देश बदल रहा है अंदर ही अंदर..............

देश बदल रहा है अंदर ही अंदर कुछ सुलग रहा है

जनता समझ रही है सरकार अंदर ही अंदर समझ रही है

लेकिन न तो सर्कार कुछ कर पा रही है और न ही जनता कुछ कर पा रही है.

कल बुद्धू बक्से के सामने बैठे थे कुछ देख रहे थे ब्रेक के टाइम पर कुछ कंपनिया

अपने अपने product  का प्रचार कर रहे थे देख कर कुछ नया सा लगा

देश बदल रहा है और प्रचार का माध्यम भी बदल रहा है

जनता कही न कही देश के अंदर बदलाव की चाहत  रखती है

जो जहाँ है वही पर अपने अपने हिसाब से देश मैं बदलाब के लिया

काम कर रहा है.......हम और आप अगर कुछ कर सकते है तो कुछ न कुछ करे

जय हिंद जय भारत ..........

जय बाबा बनारस .....