खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,
"अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैंwww.samvedna-samvedna.blogspot.com/2009/06/blog-post.html
yeh rachana jisane rachi hai wah badhai ke patra hai
अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
ReplyDeletebahut sunder.
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
ReplyDeleteदिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,
"अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
इससे ज्यादा क्या कहा जा सकता है ....बहुत सुंदर ...आपका आभार
अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
ReplyDeleteबहुत खूब, निशानी बना कर रखें सब कोई।
अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
ReplyDeletepurabiya ji wah bahoot khoob.
मगर यह है किसकी ओर से कवि की ओर से ही न या बकौल कविता के ?
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeletemujhe nahi pata ye kiski rachna hai phir bhi Poorviya ji ko dhnayawaad dena chahunga itni acchi rachna se mera tarruf karane k liye
ReplyDeleteinstead of saying regards ,you deleted comment? greate.
ReplyDeleteअरे यह सुन्दर रचना आपको कहाँ से मिल गई! इसको तो अनिल कुमार वर्मा ने 9 जून 2009 को अपने ब्लॉग संवेदना पर लगाया था!
ReplyDeleteबढ़िया रचना पढवाने के लिए धन्यवाद कौशल जी !
ReplyDeleteHajaron kisam ke ye hote hai aansu,agar dil me gum ho to rote hain aansu,inhe jaan sakta nahi ye jamaana,Mai khush hun mere aansuon pe na jaana,mai to diwaana diwaana diwanna...
ReplyDeleteAansuon ki to kahani hi niraali hai.Sunder prastuti man ko chooti hui.