Monday, February 7, 2011

अगर रख सको तो निशानी,

अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,
"अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैंwww.samvedna-samvedna.blogspot.com/2009/06/blog-post.html
yeh rachana jisane rachi hai wah badhai ke patra hai

11 comments:

  1. अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
    bahut sunder.

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  2. आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
    दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,
    "अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं


    इससे ज्यादा क्या कहा जा सकता है ....बहुत सुंदर ...आपका आभार

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  3. अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं

    बहुत खूब, निशानी बना कर रखें सब कोई।

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  4. अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं

    purabiya ji wah bahoot khoob.

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  5. मगर यह है किसकी ओर से कवि की ओर से ही न या बकौल कविता के ?

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  6. This comment has been removed by a blog administrator.

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  7. mujhe nahi pata ye kiski rachna hai phir bhi Poorviya ji ko dhnayawaad dena chahunga itni acchi rachna se mera tarruf karane k liye

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  8. instead of saying regards ,you deleted comment? greate.

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  9. अरे यह सुन्दर रचना आपको कहाँ से मिल गई! इसको तो अनिल कुमार वर्मा ने 9 जून 2009 को अपने ब्लॉग संवेदना पर लगाया था!

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  10. बढ़िया रचना पढवाने के लिए धन्यवाद कौशल जी !

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  11. Hajaron kisam ke ye hote hai aansu,agar dil me gum ho to rote hain aansu,inhe jaan sakta nahi ye jamaana,Mai khush hun mere aansuon pe na jaana,mai to diwaana diwaana diwanna...
    Aansuon ki to kahani hi niraali hai.Sunder prastuti man ko chooti hui.

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