मौसम है मस्ताना दिल मे सबके एक तराना
आज कल मौसम बहुत ही मस्त है न बहुत गर्मी
न बहुत सर्दी फिर भी लोग कह रहे है मौसम है बेदर्दी
आज सतीश सक्सेना जी के ब्लॉग पर जा कर देखा
सक्सेना जी ने बहुत सुंदर लिखा है लेखन के जरिये जो कुछ यहाँ बो रहे हैं यह अमर है ! लेखन और बोले शब्द समाप्त नहीं होते हैं बल्कि परिवार , समाज पर गहरा असर डालते हैं ! यह कभी न भूलें कि आप जो कुछ भी लिख रहे हैं, ऐसा नहीं हो सकता कि आपके बच्चे , और परिवार के अन्य सदस्य देर सवेर उसे नहीं पढेंगे , उस समय आपको पढ़कर और जानकर वही इज्ज़त और सम्मान आपको देंगे जिसको आपका लेखन इंगित करता है !
बिलकुल सही लिखा है अगर आप आज आम का पौधा रोपे गे तो आप को आम खाने को मिलेंगे ...
अगर आप कक्टेस का ---------- आप लोग खुद ही समझदार है
अपना तो बस एक ही सिद्धांत है स्वस्थ रहो ,मस्त रहो, व्यस्त रहो.......दुनिया बड़ी बेदर्दी है
जय बाबा बनारस........
कहाँ मिसिर जी, मौसम का मज़ा लेते लेते सक्सेना जी तक पहुँच गए,..... और मौ सम कौन को भूल गए...
ReplyDeleteये अच्छी बात नहीं.
जैसा लिखेंगे, वैसे ही याद रखे जायेंगे।
ReplyDeleteagreed...
ReplyDeleteसक्सेना जी दिल हिलो़ड़ देते हैं।
ReplyDeleteजय बाबा बनारस........
ReplyDeletenice
ReplyDelete