मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। फर्स्ट अप्रैल की शुभकामनायें|
वो मूरख है उसको हमने मूरख बनाया यार उसने मूरख बना दिया जब से होश संभाला है तबसे इन सबसे वास्ता पड़ता रहता है मूरख बन कर भी हसी आती है और मूरख बना कर भी हसी आती है तभी कहा जाता है की -------
मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। कभी कभी मूरख बनाने में मज़ा आता है .
ज्ञानी लोग ज्ञान की बाते करते है और मूरख लोग मुरखता की बाते करते है भाई हम तो मूरख आज के दिन ठीक है .मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। फर्स्ट अप्रैल की शुभकामनायें|
भाई इस अधिकार पर हमारा भी अधिकार है।
ReplyDeletewow !...Lovely !
ReplyDeleteशुभकामनायें।
ReplyDeleteएहसास दिलाने क लिए शुक्रिया
ReplyDeleteमूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।....
ReplyDeleteमैं आपके इस विचार से सहमत हूं...
बहुत मजेदार|
ReplyDeleteनवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ| धन्यवाद|
इस मामले में मैं आपके साथ हूँ जब चाहो बुला लेना ! शुभकामनायें यार !
ReplyDelete