Tuesday, November 29, 2011

गूगल आज कल पता नहीं किया कहना चाहता है

गूगल आज कल पता नहीं किया कहना चाहता है
कुछ समाज मैं नहीं आ रहा है
इधर कुछ दिन हम कुछ लिखना चाह रहे थे
देखा गूगल काम ही ......

यह सब गूगल की दादागिरी है

5 comments:

  1. पता नहीं गूगल क्या चाहता है?

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  2. गूगल थक गया है... बुद्धिजीवियों का भार ढोते ढोते :)

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  3. दीपक जी ने सही कहा ....!

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  4. अब माल उनका है तो कमाल भी उनका ही होगा।

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