Thursday, September 26, 2013

रतन टाटा

सच्ची घटना=>टाटा प्रशासनिक सेवा से किसी ने
बताया कि 26/11 के हादसे के कुछ ही महीने बाद ताज होटल ग्रुप
जो कि टाटा की मल्कियत है, ने अपने सारे देशी और
विदेशी होटलों की पुन: मरम्मत के लिए एक बहुत बड़ा टेंडर मार्किट में
डाला। जिन्होंने आवेदन किया, उनमे से कुछ पाकिस्तानी भी थे।
अपना पक्ष मजबूत करने के लिए
दो पाकिस्तानी उद्योगपति रतनटाटा से बगैर अपॉइंटमेंट लिए मुंबई में
टाटा के मुख्यालय बॉम्बे हाउस पहुँच गये, क्यूंकि रतन
टाटा उन्हें अपॉइंटमेंट नही दे रहे थे। उन्हें रिसेप्शन पर कई घंटे इन्तजार
करवाया गया और फिरसन्देश आया कि रतन
टाटा व्यस्त हैं और बिना अपॉइंटमेंट किसी से नही मिल सकते।
निराश होकर ये दोनों पाकिस्तानी दिल्ली गये और अपने HIGH
COMMISSION के जरिये उस समय के उद्योग
मंत्री श्री आनंद शर्मा सेमिले। शर्मा ने एकदम रतन टाटा को फ़ोन
किया और कहा कि वे इन दो पाकिस्तानियोंसे मिल लें और
और इनकी टेंडर एप्लीकेशन पर सहानुभुतिपुर्वक गौर करें। रतन टाटा ने
जवाब दिया," आप बेशर्म हो सकते हैं, में नही। " और
फ़ोन रख दिया।
कुछ और महीने बाद जब पाकिस्तान सरकार ने टाटा सूमो की कुछ
गाड़ियाँ आयातकरने के लिए एक आर्डर दिया तो रतन
टाटा ने एक भी गाडी पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया।
यह है भारत माता के लिए आदरऔर प्रेम जो रतन टाटा के दिल में है।
ऐसी चीज जिससे आज के नेताओं को कुछ सीख
लेनी चाहिए। कुछ मान्यताओं के लिए आपको खड़े होना ही पड़ेगा,
नही तो आप हर चीज के लिए गिरते ही रहोगे।

इस पोस्ट पर सेक्युलर कीड़े भी अपनी राय दे सकते है ...

जय बाबा बनारस ....

No comments:

Post a Comment