प्रशांत भूषण ने 25 सितंबर को वाराणसी में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कश्मीर के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया था...ये रहा वो बयान...क्या प्रशांत भूषण की पिटाई सही है या प्रशांत भूषण का बयान सही था
जम्मू-कश्मीर को बल के ज़रिए देश में रखना हमारे लिए घातक होगा...देश की सारी जनता के लिए घातक होगा...सिर्फ वहां की जनता के लिए नहीं पूरे देश की जनता के हित में नहीं होगा...मेरी राय ये है कि हालात वहां नार्मलाइज़ करने चाहिए...आर्मी को वहां से हटा लेना चाहिए...आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर एक्ट को खत्म करना चाहिए...और कोशिश ये करनी चाहिए कि वहां की जनता हमारे साथ आए...अगर उसके बाद भी वो हमारे साथ नहीं है...अगर वहां की जनता फिर भी यही कहती है कि वो अलग होना चाहते हैं...मेरी राय ये है कि वहां जनमत संग्रह करा के उन्हें अलग होने देना चाहिए...
प्रशांत भूषण के इसी बयान की वजह से उनकी वहशियाना अंदाज़ में थप्पड़-घूंसे-लात से पिटाई की गई...
क्या इस तरह का बयान देना देश हित मैं है प्रशांत भूषण जी यह कियु भूल गए की उसी कश्मीर मैं कुछ लाख कश्मीरी पंडित रहते थे वह आज कल कहा पर है ......????????