Saturday, September 28, 2013

वीरान टापू मे जलता हुआ झोपडा

एक अमीर आदमी था। उसने समुद्र मेँ अकेले
घूमने के लिए एक
नाव बनवाई।
छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र
की सेर करने निकला।
आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक
एक जोरदार
तुफान आया।
उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस
हो गई लेकिन वह
लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मेँ कूद
गया।
जब तूफान शांत हुआ तब वह
तैरता ततैरता एक टापू पर
पहुंचा लेकिन वहाँ भी कोई नही था।
टापू के चारो और समुद्र के अलावा कुछ
भी नजर नही आ
रहा था।
उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने
पूरी जिदंगी मेँ
किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मे
साथ ऐसा क्यूँ
हुआ..?
उस आदमी को लगा कि भगवान ने मौत से
बचाया तो आगे
का रास्ता भी भगवान ही बताएगा।
धीरे धीरे वह वहाँ पर उगे झाड-पत्ते
खाकर दिन बिताने
लगा।
अब धीरे-धीरे उसकी श्रध्दा टूटने लगी,
भगवान पर से
उसका विश्वास उठ गया।
उसको लगा कि इस दुनिया मेँ भगवान है
ही नही।
फिर उसने सोचा कि अब
पूरी जिंदगी यही इस टापू पर
ही बितानी है तो क्यूँ ना एक
झोपडी बना लूँ ......?
फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से
एक
छोटी सी झोपडी बनाई।
उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी मेँ
सोने
को मिलेगा आज से बाहर
नही सोना पडेगा।
रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला
बिजलियाँ जोर जोर से कड़कने लगी.!
तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर
आ गिरी और
झोपडी धधकते हुए जलने लगी।
यह देखकर वह आदमी टूट गया आसमान
की तरफ देखकर
बोला
तू भगवान नही, राक्षस है।
तुझमे दया जैसा कुछ है ही नही
तू बहुत क्रूर है।
वह व्यक्ति हताश होकर सर पर हाथ
रखकर रो रहा था।
कि अचानक एक नाव टापू के पास आई।
नाव से उतरकर
दो आदमी बाहर आये और बोले कि हम तुमे
बचाने आये हैं।
दूर से इस वीरान टापू मे जलता हुआ
झोपडा देखा तो लगा कि कोई उस टापू
पर मुसीबत मेँ है।
अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते
तो हमे
पता नही चलता कि टापू पर कोई है।
उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे।
उसने ईश्वर से माफी माँगी और
बोला कि मुझे
क्या पता कि आपने मुझे बचाने के लिए
मेरी झोपडी जलाई
थी।

Thursday, September 26, 2013

पिनक जा पिंकू

अफ्रीका में पहले ईसाई गये और बाद में इस्लाम वहां पर पहुंचा। चर्च और मस्जिद के बीच सर्वश्रेष्ठता व वर्चस्व की जंग ऐसी है जो कब समाप्त होगी यह कहना मुश्किल है। हां, यह सही है कि चर्च जहां राजनीतिक तौर पर लड़ रहा है और कथित सेवाभाव उसकी प्राथमिकता में शामिल हैं वही मस्जिद हिंसक राजनीति, आतंकवाद और घृणा की मानसिकता के हथकंडे से इस्लाम का राज स्थापित करना चाहता है। इस्लाम की हिंसा और मानवता को शर्मशार करने वाली मानसिकताओं से आज यूरोप और अमेरिका खुद हलकान है। जब इस्लाम का दुनिया से सफाया होगा तभी दुनिया में शांति आयेगी और मानवता की रक्षा होगी।
भारत देश मैं पहले मुसलमान आये उसके बाद  ईसाई आये in दोनों का मकसद एक ही है कि भारत देश को मुस्लिम देश बना दो या फिर इस डेढ़ का ईसाईं करण कर दे अब भारत देश तो भारत देश है जब तक शांत रहता है शांत रहता है अगर एक बार यहाँ के हिन्दू पिनक गए तब न तो इस देश मैं मुसलमान रहेगा न ही ईसाईं ही रहेगा ...अब हिन्दू कब पिन्केगा यह कोई नहीं जनता है आजकल तो इस देश पर एक कठपुतली का शासन चल रहा है और कठपुतली का खेल दिन और रात नहीं चलता है

जय बाबा बनारस....

रतन टाटा

सच्ची घटना=>टाटा प्रशासनिक सेवा से किसी ने
बताया कि 26/11 के हादसे के कुछ ही महीने बाद ताज होटल ग्रुप
जो कि टाटा की मल्कियत है, ने अपने सारे देशी और
विदेशी होटलों की पुन: मरम्मत के लिए एक बहुत बड़ा टेंडर मार्किट में
डाला। जिन्होंने आवेदन किया, उनमे से कुछ पाकिस्तानी भी थे।
अपना पक्ष मजबूत करने के लिए
दो पाकिस्तानी उद्योगपति रतनटाटा से बगैर अपॉइंटमेंट लिए मुंबई में
टाटा के मुख्यालय बॉम्बे हाउस पहुँच गये, क्यूंकि रतन
टाटा उन्हें अपॉइंटमेंट नही दे रहे थे। उन्हें रिसेप्शन पर कई घंटे इन्तजार
करवाया गया और फिरसन्देश आया कि रतन
टाटा व्यस्त हैं और बिना अपॉइंटमेंट किसी से नही मिल सकते।
निराश होकर ये दोनों पाकिस्तानी दिल्ली गये और अपने HIGH
COMMISSION के जरिये उस समय के उद्योग
मंत्री श्री आनंद शर्मा सेमिले। शर्मा ने एकदम रतन टाटा को फ़ोन
किया और कहा कि वे इन दो पाकिस्तानियोंसे मिल लें और
और इनकी टेंडर एप्लीकेशन पर सहानुभुतिपुर्वक गौर करें। रतन टाटा ने
जवाब दिया," आप बेशर्म हो सकते हैं, में नही। " और
फ़ोन रख दिया।
कुछ और महीने बाद जब पाकिस्तान सरकार ने टाटा सूमो की कुछ
गाड़ियाँ आयातकरने के लिए एक आर्डर दिया तो रतन
टाटा ने एक भी गाडी पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया।
यह है भारत माता के लिए आदरऔर प्रेम जो रतन टाटा के दिल में है।
ऐसी चीज जिससे आज के नेताओं को कुछ सीख
लेनी चाहिए। कुछ मान्यताओं के लिए आपको खड़े होना ही पड़ेगा,
नही तो आप हर चीज के लिए गिरते ही रहोगे।

इस पोस्ट पर सेक्युलर कीड़े भी अपनी राय दे सकते है ...

जय बाबा बनारस ....

Thursday, September 19, 2013

सेकुलरिज्म के पाखण्ड का त्याग कर

क्या भारत सचमुच में एक सेकुलर देश
है .......????
दरअसल.... हमारे राजनेताओं द्वारा अक्सर
यह दावा किया जाता है कि.... भारत एक
सेकुलर देश है ...
परन्तु... यहाँ के हालत देख कर
तो लगता नहीं है कि..... भारत एक
धर्मनिरपेक्ष देश है .... बल्कि, भारत एक
इस्लामी देश प्रतीत होता है....जिसने
सेकुलरिज्म की खाल ओढ़ी हुई हो . ...!
यह चौंकने नहीं बल्कि, समझने की बात है...
ताकि, समय रहते इसमें परिवर्तन
किया जा सके....
आश्चर्य है कि एक तरफ तो... सरकार भारत
को सेक्यूलर राज्य कहती है.... और ,
दूसरी तरफ धर्म के आधार पर मुसलमानों व
ईसाइयों को विशेष सुविधाएँ देती है .....जो,
पूर्णतया असंवैधानिक है....!
सिर्फ इतना ही नहीं.... बल्कि, 15 -17
प्रतिशत भारतीय मुसलमान
किसी भी मापदण्ड में अल्पसंखयक
नहीं हैं........ फिर भी, कांग्रेस व अन्य
सेक्यूलर राजनैतिक दल .......राज्यों एवं
केन्द्र सरकार में मुसलमानों के लिए
अनेकों असंवैधानिक सुविधाएं स्वीकार
की जा रही है......।
जैसे कि....विश्व के 57 इस्लामी देशों में से
कही भी मुसलमानों को हज यात्रा के लिए
आर्थिक
सहायता नहीं दी जाती है ...क्योंकि, हज के
लिए आर्थिक सहायता लेना गैर-
इस्लामी है...।
परन्तु, फिर भी बेहद निर्लज्जता से ....
भारत सरकार प्रत्येक हज
यात्री को हवाई यात्रा के लिए लगभग
60000 रुपये की आर्थिक
सहायता देती है....!
इतना ही नहीं .. बल्कि , हजियों के लिए
राज्यों में हज हाउस बनाए गये हैं.. और,
जिद्दा में हाजियों की सुविधाएँ देखने के
लिए एक विशेष दल जाता है,
मानो वहाँ की एम्बेसी काफी नहीं है।
और तो और....
मुस्लिमों वक्फ बोर्डों के पास बारह लाख
करोड़ी की सम्पत्ति है.....
जिसकी वार्षिक आय .... लगभग 12000
करोड़ है.... मगर फिर भी सरकार वक्फ
बोर्डों को आर्थिक सहायता देती है....
लेकिन... यह जानकर आपका मुंह
खुला का खुला रह जाएगा कि.... सरकार ...
हम हिन्दुओं के टैक्स का जो भी रूपया इन
वक्फ बोर्डों को मदद के तौर पर
देती है . .....उसका हिसाब किताब
कभी सार्वजनिक
नहीं किया जाता है ....क्योंकि, इसी रुपये
से जिहादी हथियार और विस्फोटक
खरीदते हैं .....
जबकि सरकार....बाबा रामदेव के
देशभक्ति के काम की हमेशा सीबीआई जाँच
करवाती रहती है ... और, उनके ट्रस्ट पर
पर अक्सर छापे पड़ते रहते हैं ....!
अगर सरकार इतना भी कर के रुक
जाती तो ... फिर भी गनीमत थी....
लेकिन.... इसके आगे भी दास्तान जानिए ......
आज विश्व के लगभग सभी देश यह मान चुके हैं
कि ...... मदरसे आतंकवादियों को तैयार करने
वाले कारखाने है .. क्योंकि, जितने
भी आतंकी पकडे जाते हैं ... वे सभी के
सभी कभी मदरसा में पढ़े हुए होते हैं...
फिर बी हमारी सरकार ने..... धार्मिक
कट्टरवाद एवं अलगावदवाद
को बढावा देने
वाली मदरसा शिक्षा को न केवल दोष
मुक्त बताया .....बल्कि, उसके आधुनिकीकरण
के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए आर्थिक
सहायता देती है....।
फिर भी मुसलमान....... अपने इन
मदरसों को केन्द्रीय मदरसा बोर्ड
या आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जुड़ने
देना नहीं चाहते....।
यहाँ तक कि ...... मुस्लिम पाठ्यक्रम में
सुझाव व अन्य किसी प्रकार का नियंत्रण
तक नहीं मानते हैं.....
फिर भी ... हर चीज जानने-समझने के
बावजूद ....
**** पश्चिमी बंगाल सरकार ने 2010
तक ...... 300 अंग्रेजी माध्यम के
मदरसा स्थापित करने का निर्णय
लिया है ........(पायो. 23.12.2009),
*** सरकार ने अल्पसंखयकों के
संस्थानों को उच्च शिक्षा में
ओबीसी विद्यार्थियों के लिए आरक्षण से
मुक्त रखा हुआ है ...
*** इलाहाबाद हाई कोर्ट के विरोध के
बावजूद .....अलीगढ़ विश्व विद्यलाय
को अल्पसंख्यक स्वरूप बनाए रखने पर बल
दिया....
*** अल्पसंख्यकों के कक्षा एक से 12वीं तक
के विद्यार्थियों के लिए पच्चीस लाख
बजीफे दिए.... जबकि सवर्णों को नहीं हैं......
*** केरल सरकार ने..... मदरसों के
मौलवियों के लिए पेंशन देने का निर्णय
किया है......
*** बिहार में 10वीं की परीक्षा पास
करने वाले मुस्लिम छात्र को 10000/-
रुपये का पुरस्कार मिलेगा....
*** राजस्थान में मुस्लिम
विद्यार्थी निजी विद्यालयों में पढ़ते
समय भी छात्रवृत्ति ले सकते हैं.....(शिक्षा
बचाओं आन्दोलन, बुले. 48 पृ. 32) (8) ....
और तो और..... समिति की सिफारिशें के
अनुरुप 1 से 12 कक्षा तक की पुस्तकें मदरसे
में ही तैयार होंगी और, अध्यापक
प्रशिक्षण कार्यक्रम भी उर्दू में संचालित
करने की योजना है' (राजस्थान
पत्रिका 9..7.2007)
*** यहाँ तक कि.... मदरसों के पाठ्य-
पुस्तकों में.... पिछली (1998-2003)
सरकार द्वारा निकाले गए...... हिन्दू
विरोधी और मुस्लिम-उन्मुख अंशों को....
दुबारा पुस्तकों में डाल दिया गया....
*** सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम
विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय
केन्द्र ......भोपाल, पुरी, किशनगंज (बिहार)
मुर्शिदाबाद (पं. बगांल) व मुल्लूपुरम
(केरल) में खोलने के लिए दो हजार करोड़
का अनुदान दिया....(वही. बुल. 48, पृ. 31)
*** अल्पसंखयकों के... एम फिल ओर
पी.एच.डी. करने वाले 756
विद्यार्थियों को...... राष्ट्रीय
पात्रता परीक्षा या राज्य स्तरीय
पात्रता परीक्षा के बिना ही ..... बारह
से चौदह हजार रुपये महीना रिसर्च
फैलोशिप मिलेगी। (दैनिक जाग.
23.12.2009)
जबकि अन्यों को सरकारी रिसर्च
फैलोशिप पाने के लिए ....ये परीक्षाएँ पास
करना अनिवार्य है।
*** उच्च प्रोफेशनल कोर्सों में पढ़ने वाले
अल्ससंखयक विद्यार्थियों की फीस सरकार
देगी....
*** स्पर्धा वाली सरकारी परीक्षाओं के
कोचिंग के लिए भी फीस सरकार ही देगी...
जबकि, ये सुविधाएँ भारत के सामान्य
नागरिकों को नहीं है।
हद तो यह है कि......जिनके पूर्वजों ने भारत
के लिए सर्वस्व लुटा दिया....... और , आज
भी भारत को अपनी माता मानते है .... ये
तथाकथित हरामी सेकुलर सरकार उनके
अधिकार छीन कर
मुसलमानों को देती रहती है ..... जबकि,
मुसलमान हमेशा भारत विरोधी कामों में
लगे रहते हैं ..........फिर भी ,
सरकारों को वोट बैंक
का ऐसा चस्का लगा है कि....सरकारें
मुसलमानों के लिए खजाने खोल देती है ....
जैसे कि.....
(1) अल्पसंखयकों के नाम पर...... विशेषकर
मुसलमानों के लिए अलग मंत्रालय
बनाया गया है....और, उनके लिए
11वीं पंचवर्षीया योजना में 15 प्रतिशत
बजट रखा गया है ।
(2) 2004 में सत्ता में आते ही कांग्रेस ने......
आतंकवाद में फंसे मुसलमानों को बचाने के
लिए पोटा कानून को निरस्त कर
दिया ....जिसके फलस्वरूप देश के
आतंकवादी घटनाओं में अप्रत्याशित
वृद्धि हो गयी...
(3) सरकार ने.....मुस्लिम पर्सनल
कानूनों और शरियत कोर्टों का समर्थन
किया...
(4) 13 दिसम्बर 2001 में संसद पर हमले के
दोषी अफजलखां को फांसी की सजा मिल
जाने पर भी .... वर्षों तक उसमे टाल-मटोल
किया गया ...!
(5) 17 दिसम्बर 2006 को नेशनल
डवलपमेंट काउंसिल की मीटिंग में
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने
यहाँ तक कह दिया कि ......''भारतीय
संसाधनों पर पहला अधिकार
मुसलमानों का है।''
शायद इसीलिए उन्हें .........रोजगार , ऋण,
शिक्षा आदि में विशेष सुविधाऐं
दी जा रही हैं।
(6) सरकार
बंगला देशी मुस्लिमों घुसपैठियों को निकाल
में उत्साहहीन है......... जबकि वे बेहद
सुनियोजित ढंग से भारत के इस्लामीकरण
एवं यहाँ आतंकवाद फ़ैलाने के लिए यहाँ बस
रहे हैं
ध्यान रखें कि....एक तरफ तो मुसलमान
आबादी बढ़ाने में लगे रहते है ......और,
दूसरी तरफ
अपनी गरीबी का बहाना बना कर सरकार
से आर्थिक मदद माँगते रहते हैं ...
परन्तु, इनकी मांगे कम होने की जगह और
बढती जाती हैं .......और, ऐसा तब तक
होता रहेगा .... जब तक भारत पुर्णतः एक
इस्लामी देश नहीं बन जाता .....
इसलिए , मुसलमान अपनी गरीबी और
पिछड़ेपन का ढोंग करके सदा रोते रहते
हैं ......और, सरकार ने
उनकी इसी राक्षसी भूख को मिटाने के
लिए कई कमेटियां बना रखी है .....जैसे ,
(1) सच्चर कमेटी द्वारा..... मुस्लिमों के
पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 5460 करोड़
रुपये का प्रावधान किया गया है
(2) उनके लिए सस्ती ब्याज दर पर ऋण देने
के लिए एक कारपोरेशन बनाया गया,
(3) सार्वजनिक क्षेत्र में उदारता बरतें।
इस अभियान की निगरानी के लिए एक
मोनीटरिंग कमेटी' काम करेगी।'' (दैनिक
नव ज्योति, 4/1/2006)।
(4) अल्पसंखयक
विद्यार्थियों को माइनोरिटी डवलपमेंट
एण्ड फाइनेंस कारपो. से 3 प्रतिशत पर ऋण
दिया जाता है।
(5) पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रत्येक
विभाग के बजट में से 30 प्रतिशत आवंटन
मुसलमानों के लिए किया गया...... (वही. बृ.
पृ. 32)
(6) 13 अगस्त 2006 को सरकार ने लोक
सभा में बतलाया कि..... मुस्लिम प्रभाव
वाले 90 जिलों और 338 शहरों में
मुसलमानों के लिए विशेष विकास फण्ड
का प्रावधान किया गया है। (वही, बृ. 48,
पृ. 33)।
इस तरह ........एक धर्मनिरपेक्ष देश
की सरकार ....धर्म के आधार पर एक वर्ग
विशेष के वोट पाने के लिए सभी उचित व
अनुचित तरीके अपना रही हैं.......
इसीलिए , उच्चतम न्यायालय ने
भी सरकार को सावधान करते हुए 18
अगस्त 2005 को कहा.......- ''राजनैतिक
या सामाजिक अधिकारों में कमी को आधार
बनाकर भारतीय समाज में अल्पसंखयक
समूहों को निर्धारित करने और उसे मानने
की प्रवृत्ति पांथिक हुई ...तो, भारत जैसे
बहुभाषी, बहुपांथिक देश में इसका कोई
अन्त होने वाली नहीं है .....क्योंकि, एक
समुदाय द्वारा विशेषाधिकारों की मांग
दूसरे समुदाय को ऐसा ही करने के लिए
प्रेरित करेगी..... जिससे परस्पर संघर्ष और
झगड़े बढ़ेगें।''
परन्तु, वोटों की लालची और
सत्ता की प्यासी,,,,,, सेक्यूलर सरकारें इन
चेतावनियों की परवाह नहीं करती हैं.....
सबसे अधिक पीड़ा की बात तो यह है
कि .........
जिस भारत की स्वाधीनता व अखंडता के
लिए ...........हमार े पूर्वजों ने
सैकड़ों वर्षों तक संघर्ष किया........लाख
ों योद्धाओं ने अपने प्राण न्यौछावर
किए....... और, देश को इस्लामीकरण से
बचाया ...
तथा... आज जिन नेताओं को देश
की रक्षा का उत्तरदायित्व
सौंपा गया है ..........वे ही, स्वार्थवश कुछ
दिन राज करने के लिए भारत के
इस्लामीकरण में निर्लज्जता के साथ
सहयोग दे रहे हैं...
वे.... उन करोड़ों देशभक्तों के साथ
विश्वासघात कर रहे हैं .........जिन्हो ंने देश
के लिए बलिदान किए।
कांग्रेस एवं अन्य सेक्यूलर
पार्टियों का मुस्लिमों के सामने
आत्मसमर्पण एवं वोट बैंक
की राजनीति करना...... देश
की भावी स्वाधीनता के लिए बेहद
चिन्ता का विषय है......
क्योंकि, सरकार की इन्ही मुस्लिम
तुष्टीकरण की नीति के कारण ..... आज
सारा देश इस्लामी जिहाद और आतंकवाद से
पीड़ित है....
क्या देश की सेक्यूलर पार्टियों को दिखाई
नहीं देता कि ..........पाकिस ्तान एवं भारत
के मुसलमान शेष भारत में इस्लामी राज्य
स्थापित करना चाहते हैं.....?????
क्या हमारी सरकारें.... सेकुलरता का ढोंग
करके ... अपने स्वार्थ के लिए.... हमारे
हिंदुस्तान को ...... मुगालिस्तान में बदल
देना चाहती है....?????????
आज के सरकारी क्रियाकलापों से तो....
ऐसा ही कुछ आभास हो रहा है....
इसीलिए मित्रो.....
यदि आप भी उपरोक्त बातों से सहमत हैं .....
और, अपने हिंदुस्तान को ..... एक
इस्लामी देश में परिवर्तित होने से
बचाना चाहते हैं तो....
सेकुलरिज्म के पाखण्ड का त्याग कर.. देश
भक्त बनिए........

जय बाबा बनारस .....