नूरा कुश्ती नूरा कुश्ती होती है जनता की खुदा सरकार जब सरकार ही ऐसे हो तो आम जनता का किया होगा ...............................................................................................................................................................
वह ऐतबार ही क्या जो उठ जाए हकीकत से |
पेश कर हकीकतें उन मसीहाओं की ||
जानकर हकीकत उस खुदा की |
तेरा भी ऐतबार उस खुदा पर हो जाएगा ||........
जब नूरा कुश्ती करनी है तब ये दुनिया भर का ताम झाम कियो करते हो
कल जब पूरा हिंदुस्तान आँख लगा कर बुद्धू बक्शा देख रहा था
तो किसी उम्मीद के साथ अपना टाइम बर्बाद कर रहा था
लेकिन रात को वही ढाक के तीन पात जय चंद की जमातो
ने वही किया जो उनके आका चाहते थे फिर काहे का हो हल्ला करते हो....
मरता है मरने दो वो देल्ली मरे या बम्बई मरे ....सरकार का क्या जाता है..
जय बाबा बनारस....