Sunday, October 31, 2010

हम लोग छोटे-छोटे कार्य में निपुण होकर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को बनायेंगे......

अभी दीपक बाबा की पोस्ट पर इस जुमले पर नज़र पड़ी........ पता नहीं कहाँ की बात उन्होंने कहाँ खत्म की...... लेकिन अंत में एक विचारनिए बात कह गए.

आज हमारे देश में कुशल कामगारों की बहुत आवश्यकता है....... ये ठीक है कि सरकार ने प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य कर दी है पर ये अर्ध शिक्षित व्यक्ति तो दंग के अर्ध कुशल मजदूर भी नहीं रहे......

प्लंबर बुला लो या फिर बिजली वाला.......... सही कारीगर नहीं मिलते. ये कारीगर जो की किसी भी उद्योग के जरूरी अंग होते हैं... इनके बिना कोई भी मशीन बेकार है जब तक चलाने वाले नहीं.

आज भारतीय मानुष काम नहीं करना चाहता – चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो. जिस तब्बके के बच्चे आगे नहीं पढ़ना चाहते सरकार को उनके लिए कुछ वोकेशनल ट्रेनिंग का इंतज़ाम करना चाहिए... ये ठीक है की ये वोकेशनल ट्रेनिंग आज कक्षा दस के बाद है ...... पर इसे आठवी कक्षा के बाद चालू करन चाहिए और इसमें निजी क्षेत्र को भी आगे आना चाहिए.....

आपके विचारों का स्वागत है.

Saturday, October 30, 2010

बल हठ एक कहानी--------- आप बीती

कल रात को ९;०० बजे घर पर पहुचे हमारे बेटा जी हमारा इन्तिज़ार कर रहे थे
पहुचते ही एक सवाल दाग दिया आप स्कूल कियू नहीं आये
हम आप से बात नहीं करंगे
हम बोले भाई आने तो दो
नहीं आप अभी स्कूल चलो
मैंने वहा की दूकान से कुछ लेना है
हमने कह चलो वहा पहुच कर देखा की दूकान बंद थी
आब तो बेटा जी का पारा हाई हो गया
आधे रस्ते बात नहीं की
हमने पूछा क्या लेना है
बताया नहीं एक दुकान देख कर हम रुक गए
कह भाई पूछ कर देखो जो लेना है
आखिर में जो जनाब को लेना था वोह मिल गया और जनाब खुशी ख़ुशी घर आ गए
भाई बल हठ तो बाल हठ है न दी देखना न रात देखनी
आने के बाद घर में माहोल खुसमई हो गया
हम इसी में ख़ुस हो गए
आप के साथ कुछ ऐसा हुआ हो तो लिखा जाइये

Friday, October 29, 2010

कोई दुश्‍मन नहीं ऐसा लगता

प्रेम से ही दुनिया चलती है aगर आप प्रेम करना जानते है तो सब कुछ जानते है
आज एक ब्लॉग पर गए एक लाइन बहुत अच्छी लगी आप के सामने है
प्रेम से कोई दो शब्‍द बात कर ले
तो पूरी पृथ्‍वी में कोई दुश्‍मन नहीं /
अगर कुछ नहीं कर सकता तो प्रेम ही कर
प्यार से तो दुश्मन भी अपना हो जाता है

Thursday, October 28, 2010

गब्बर की ब्लॉग्गिंग



अगर आज शोले फिल्म बनती तो गब्बर कहता ........
"अरे ओ रे साम्भा, तनिक देख कर बतायीओ आज ठाकुर कि पोस्ट पर कित्ते कोमेंट्स आये"
"सरदार ९८"
और हमरी पोस्ट पर
"सरदार ८९"
अरे ई तो बड़ी ना-इंसाफी है रे.......
तुरंत बेनामी ११ कमेंट्स और ठेले जाएँ.........

XXXXXX


सरदार आपने तो ठाकुर के हाथ काट दिए थे न.... ताकि भविष्य में ठाकुर ब्लॉग न लिख सके. पर सुना है ... ठाकुर नें शहर से दो लेखकवा मंगवाए है...... उ ठाकुर के नाम से ब्लॉग में लिखेंगे.....
साम्भा.........
तुरंत रामगढ़ जाओ....... और मुनियादी करवा दो.... जो ठाकुर के नाम पर ब्लॉग लिखेगा... उसका हश्र भी ठाकुर की तरह हो जाएगा..

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भाग धन्नो.... भाग.....
तेरी बंसती की इज्ज़त का सवाल है...
धन्नो.... मैंने पहले ही कहा था ... ठाकुर के उन दो लेखकों के ब्लॉग पर टिप्पणी मत करना........
अब भुक्तो.........

XXXXXXXXXX

देखो गाँव वालों............ अगर तुमने मेरे ब्लॉग पर टिप्प्पणी नहीं दी तो मैं यहाँ टंकी से कूद कर सुई साइड कर लूँगा......
"अरे रामू, ये 'सुई साइड' क्या होता है....
भई, जब ये लेखक लोग लिख लिख कर परेशान हो जाते है और कोई इनको पढ़ ने नहीं आता और कोममेंट्स नहीं करता तो ये टंकी से कूद कर जान दे देते हैं इसी को सुई साइड कहते हैं.
अच्छा भैय्या - एक बात और बताओ, ये लेखक इत्ता लिखते क्यां हैं.....
भई कई लोगों के खाना आसानी से नहीं पचता न.. ....

Wednesday, October 27, 2010

एक शराबी की सुबह

एक शराब और एक शराबी न तो शराब बुरी है न ही शराबी बुरा
लेकिन तब तक जब तक दोनों का तालमेल ठीक है
भाई जिस तरह सालन में नमक की मात्रा जयादा हो जाती है
तब उस सालन को एक आम आदमी नहीं खा सकता है
वही शराब के साथ है जरुरत से जायदा लेने पर
शराब अपना रंग दिखाती है
किसी ने कहा है
पहला पेग आबे हयात
दूसरा पेग दवाई है
तीसरा पेग ---------
और चौथा पेग समाज से रुसवाई है
सुबह सुबह जब एक शराबी उठता है तब उसकी आख बंद होती ही
और उसकी बाकि सब लाइट जली होती ही

Tuesday, October 26, 2010

तम्बाकू की पुडिया और शराब के अद्धे का घालमेल

आज दीपक बाबा के ब्लॉग पर पोस्ट हमें बहुत बढिया लगी.......... भाई, हम बंटी चोर की तरह तो हैं नहीं.... कि टिपण्णी देकर चेता दें फिर चोरी करें..........

सीधा वहीँ से कट पेस्ट कर रहे हैं.......


Photo courtsey : www.getwallpaper.net


ऐसा देश है मेरा, जहाँ एक दिन पहले ६० रूपये की मेहँदी हाथों पर लग रही थी..... कल २५० रूपये लिए जा रहे थे.... नारियल .... १० रूपये वाला ३० रूपये का मिल रहा था... पार्किंग में जगह नहीं थी....... फैनी ८० रूपये से बढकर २०० रूपये किलो के भाव थी........
.
कई तरह के मोटे-पतले, दुबले, गोरे-काले से लड़के सड़क के किनारे बैठ कर मेहँदी लगा रहे थे. पतिदेव (खासकर नए-नए पति बने है) इर्ष्या नज़र से अपनी पत्नी का हाथ उस मेहँदी लगवाने वाले हाथों से देख रहे थे........ साला पैसे भी लेता है और देखो ..... कैसे हाथ को पकड़ कर गोद में रख कर मेहँदी लगा रह है.

देखो, इस बार में इन लड़कियों से मेहँदी नहीं लगावायुंगी ..... लड़के लोग ही सही मेहँदी लगाते हैं श्रीमती पिछले अनुभव सुनाने लग गई और हम तुनुक कर एक मोटी आंटी के सामने उसे बिठा देते हैं ... क्या है की अपन में "इर्ष्या" तो लेश मात्र भी नहीं है.

गुब्बारे बेचने वाले को सुरक्षाकर्मी गिरबान से पकड कर मार्किट से बाहर घसीटता हुवा ले जा रहा था..... एक भिखारी को २ रूपये का सिक्का दिया ........... बुरा सा मुँह बनाकर मन ही मन गाली देता हुवा चला गया.......... तम्बाकू की पुडिया न जेब में थी और नहीं ही उस सुगन्धित मार्केट में उपलब्ध हो रही थी.... तुनक और बढती जा रही थी. ..... एक साहेब हथेली पर BBC (बुधिवर्धक चूर्ण = सुरती का नामकरणसलील वर्मा जी का कोपी राईट है) घिसते हुवे नज़र आये तो .... उन्ही से दोस्ती गांठ ली....
.
एक साहेब बीवी से उलझे दिखे......... इत्ती भीड़-भाड़ है .... ३-४ दिन पहले नहीं मेहँदी नहीं लगवा सकती थी.... एक की जगह १० मांग रहे है और टाइम और खोटी हो रहा है.. शराब सर पर चढ़ कर कर सच उगल रही थी.... पर बीवी आँखे दिखा रही थी.... अंतत शराब जीतती दीख रही थी...
सच इस महंगाई में तो पतिव्रता नारी बनना भी कित्ता मुश्किल है....
जाते जाते ......
संता सिंह जब घर पहुंचा तो बीवी ने पूजा की तैयारी कर रखी थी.... घर का वातावरण बहुत आलौकिक लग रहा था..
मैं क्यया भागवान ऐ की कर रही है...
कुज नई, तुवाडा ही स्यापा कर रही हाँ.......

और हाँ, अभी एक मित्र का SMS आया है, बिलकुल सटीक बैठ रहा है इस मौके पर :
लक्ष्मी जी का वाहन, उल्लू एक बार नाराज़ हो गया.... बोला ... ये माता, आपकी पूजा दुनिया करती है पर मुझे कोई नहीं पूजता..
इस पर माता बोली... परेशान मत हो.... आज तुने शिकायत की है तो ठीक है. अब मेरी पूजा से ठीक ११ दिन पहले तेरी भी पूजा होगी.. और इसी प्रकार उस दिन को
"करवाचौथ" कहा जाने लगा.

बहरहाल, जय राम जी की


Monday, October 25, 2010

न हम कुछ लिखगें न तुम कुछ पढोगे

जब से मानव जाती ने अपने आप को सभ्य कहना शुरु क्या है
गिले शिकवे का दौर उस से पहले से था
न हम कुछ लिखगें तुम कुछ पढोगे
भाई जब हम कुछ लिखंगे हे नहीं तो
आप लोग क्या पढ़ कर अपने विचार लिखियगे
भाई न तो हम और आप जयादा मीठा खा सकते है
और न ही जयादा नमकीन ।
अगर कोइए कुछ लिखता है
तो बहुत आच्छा
और नहीं लिखता है तो और भी आच्छा
भाई पास और फेल का दर उसको होता है
जो parishia दकर आता है
जो स्कूल ही नहीं जाता है उसको किस का डर
न हम कुछ लिखगें तुम कुछ पढोगे
आप के विचार ------------

Saturday, October 23, 2010

एक तू न मिला

एक तू न मिला सारी दुनिया मिली भी तो क्या है
दुनिया में इंसान को सब कुछ मिल जाये लेकिन
उसको उसके पसंद की कुछ अगर नहीं मिलती है
तब वोह कहता है
एक तू न मिला सारी दुनिया मिली भी तो क्या है
दुनिया में सबको उसके पसंद का सब कुछ नहीं मिलता है
अगर आप को आपकी पसंद का कुछ मिलता है
तो आप राज योगी है

Friday, October 22, 2010

सुंदर,बहुत सुंदर ,अति सुंदर,---------

सुंदर----------?????
सुंदर क्या है
बहुत सुंदर क्या
अति सुंदर क्या है
इन सब की परिभाषा सबकी अलग अलग कियो होती है
क्या इसके लिया कोइए नियम नहीं है
अगर हो तो आप लोग सुजहिये
सुंदर,बहुत सुंदर,अतिसुंदर,--------------

Thursday, October 21, 2010

न तुम हमें जांनो न हम तुम्हे जाने --------

न तुम हमें जाने न हम तुम्हे जाने
बहुत ही सुंदर गाना है एक बार गुनगुनिये
यही हाल आज आप के देश का है
कोइए किसी से बात नहीं कर सकता है
सब एक दुसरे को शक की नज़र से दखते है
हिन्दू है तो भगवा आतंकवादी
मुस्लिम है तो मुस्लिम आतंकवादी
वो हिन्दू है वो मुस्लमान है
हिन्दू है तो तिलक तराजू है और तलवार है
मुसल मन है तो शिया है ,सुन्नी है
भाई इस से तो आच्छा है की
न तुम हमें जाने न हम तुम्हे जाने
जिंदगी आराम से गुजर जायगी
भाई क्या क्या बताये इस देश में क्या क्या धरम के नाम पर और
शर्म के नाम पर क्या क्या हो रहा है
आप लोग भी अपने विचार रखे ---

Wednesday, October 20, 2010

आज का दिन २०-१०/२०--१० याद ही नहीं रहा

भाई आज क्या है
आज का दी तो किसी याद ही नहीं रहा भाई आज २०-१०/२०--१० है
लास्ट इयर ९-९-२००९ का बहुत ही हल्ला गुल्ला था
सारा का सारा मीडिया चिल्ला रहा था
लकिन आज तो किसी को याद हे नहीं रहा की आज भी
कोइए बहुत ही उनिक डे है
लोग बाग इस दिन को भी याद नहीं रखते है
भाई सब्र रख लकिन इतना भी सब्र मत रख की सब कुछ भूल ही जा
कुछ तो याद रख --------

Tuesday, October 19, 2010

नो न्यूज़ इस गुड न्यूज़

नो न्यूज़ इस गुड न्यूज़
अब आप लोगो का कहना होगा की कौशल पगला गया है
नो न्यूज़ इस गुड न्यूज़ क्या मतलब है इसका
भाई कोइए खबर नहीं है यही तो एक आच्छी खबर है
सुबह सुबह आप को कोइए आच्छी खबर मिल जाये तो दिन बहुत ही आच्छा जाता है
जब हम लोग छोटे छोटे थे तब गाँव की कोइए खबर मिलाने का सदाहं एक मात्र पोस्ट ऑफिस ही था
या फिर कोइए गाँव से आ गया तभी गाँव की घर की कोइए खबर मिलती थी
एक बार हम ने अपने नाना जी से कह आप कोइए चिट्ठी नहीं लिखतो हो
नानाजी जी बोले बेटा कौशल जब चिट्ठी न आये तो समझो सब कुछ ठीक है
तब हमारी समझ में आया की नो न्यूज़ इस गुड न्यूज़ तब तो समझ में नहीं आया
लेकिन आज समझ में आ गया की नो न्यूज़ इस गुड न्यूज़ का क्या मतलब है
आज कोइए घर से निकलता है ---कुछ देर बाद ही फ़ोन करते है कहा हो
कही कुछ हो तो नहीं गया -----------

Monday, October 18, 2010

शरीर की थकान और मेरा भारत देश महान

जय हो भारत देश की बहुत ही सुंदर देश देश है जिस देश में हम और आप रहते है
पिचले हफ़ते में सनिवार और इतवार की छुट्टी थी तो सोचा की गाँव घूम आये ।
चल दिया गाँव की ओर सुबह के ५:३०,चल कर १०:३०बजे पांच घंटे की यात्रा के बाद
आखिर गाँव पहुच ही गए रस्ते की यात्रा बहुत ही सुंदर सुंदर सडको पर की बुलन्दसहर से अलीगढ तक
की यात्रा में मजा आगया आप को गाड़ी चलने की जरुरत नहीं है गाड़ी अपने आप चल रही थी
दिल्ली से दुरी मात्र १५०.०० किलोमीटर समाया लगा कुल पांच घंटे बहुत ही सुंदर यात्रा थी
यह है हमारा भारत देश देश हमारा कह जा रहा है २१ सवी सदी में
हम लोग कहा जा रहे है आदम युग में लोग कहते है
जिंदगी जिन्दादिली का नाम है ,मुर्दादिल क्या ख़ाक जिया करते है ,
घर पहुच कर बहुत आराम क्या -----
आने की कथा कुछ समय के बाद लिखनी है
तब तक आप लोगो के विचार आप की भारत यात्रा के बारे में -------------

Sunday, October 17, 2010

नल की टूटी टपक रही है

नल की टूटी टपक रही है ,
नल की टूटी टपक रही ,
नल की टूटी टपक रही है ,
हमने कहा क्या बात है
बोली नल की टूटी टपक रही है
आप किसी प्लुम्बेर को बुला कर इसको ठीक करा दे,
हमने कहा करै देंगे इस बात को धीरे धीरे चार माह हो गए
आज भी नल की टूटी टपक रही है ,
सुबह सुबह श्रीमती जी बोली आज नल की टूटी ठीक हो जानी चाहिय
हमने कहा सब ठीक
जब हम प्लुम्बेर को लाकर आये टूटी ठीक हो गयी
फिर हमारा दिमाग नल की टूटी पर गया की आखिर नल की टूटी को ठीक करने में इतना टाइम कियु लगाया
पानी की तो एक एक बूद कीमती है जल ही जीवन है ,जल है तो कल है
पानी की एक बूद अगर लगातार टपकती रहे तो पुरे एक दिन में १५०-लीटर पानी बह जाता है
आओ हम सब मिल कर पानी की एक एक नन्ही सी बूद को बचाए ---
अमृत की एक बूँद ही काफी होती है जीवन के liye
आप के विचार सादर अमन्त्रतित है-------

Saturday, October 16, 2010

आदमी और बेकार की वस्तु------सरकार तेल दे पल्ले में ले

कल कुछ काम का बोझ कम था सोचा चलो कुछ धरम करम का काम हो
पहुच गए चतरपुर मंदिर बड़ी लम्बी लाइन कोइए बात नहीं
जल्दी नंबर आ गया मंदिर के अंदर हलुइअ का प्रसाद बट रहा था
कुछ लोग प्रसाद जरुर लेते और उस प्रसाद को खाते नहीं थे
थोडा आगे चल कर किसी खिड़की के पास रख देते
भाई अपनी समझ में यह बात नहीं आय
जब खाना नहीं था तो लिया कियो
यह तो वो बात हो गयी सरकार तेल दे पल्ले में ले
मतलब फ़ोकेट में कुछ भी मिले एक बार ले लो
आखिर हमारे देश में ऐसा कियु होता है
लोग बड़े मन से कुछ बाटत है
और आप उसको लाकर बेकार वस्तु की तरह कूड़ा समजहते हो

आदमी और बेकार की वास्तु

आदमी और बेकार की vastu

Thursday, October 14, 2010

टिप्पड़ी का मायाजाल

टिप्पड़ी का मायाजाळ एक बहुत ही सुंदर माया जाळ ब्लोग्गेर्स के लिया है
लोग बहु बहुत आच्छा लिखेते है लकिन उनो कोइए एक टिप्पड़ी नहीं देता है
जबकि एक आच्छे लिखें के लिया टिप्पड्डी का मिलना जरुरी है
टिप्पड्डी का आना अप की कलम की धार को पेना करता है
आप को सही और गलत का पता चलता है
लोग टिप्पड्डी के द्वारा बहुत कुछ कहते है जैसे
1.sabr karo sabr karo
sabr badi chiz hay
aaj raat me chand dekho
kal subah me idd hay।
2.एक पेग अंदर
राम लाल सिकंदर
बाकी सब बंदर!
3. हम तो इमोशनल होके लिख दिया...... अब काहे भाई सरे बाजार चर्चा कर रहे हो।
४.जापान के बारे में एक कहाँ प्रसिद्ध है:स्वामी विवेकानंद जी एक बार ट्रेन से जापान में यात्रा कर रहे थे. समय बिताने के लिए एक जापानी बालक से पूछने लगे - बेटा, बताओ तुम्हारे आराध्य देव कौन है - बालक बोला : भगवान बुद्ध. स्वामी बोले अगर में भगवान बुद्ध को गाली दू तो. बालक ने कहा में आपको मार डालूँगा. इसपर स्वामी जी ने कहा अगर भारत आपके देश पर चडाई कर दे और उसका सेनापति भगवान बुद्ध हो तो. तो उस बालक का जवाब चोकाने वाला था - वो बोला - अगर बुद्ध मेरे देश पर हमला कर दे तो में भगवान बुद्ध को मार डालूँगा........स्वामी जी आश्चर्य से देखते रहे उस बालक को. और ऐसी जापानी देशभकि तो उन्होंने प्रणाम किया.
५।क्या हम भारत वासी जापानी लोगो से कुछ सीख सकते है?हाँ! देशभक्ति....जापानी लोग अपनी देशभक्ति के लिए भी बहुत फेमस हैं....
६।जिन्दगी में रोटी ही सब कुछ नहीं होती !!
७।मैं पहले भी कह चुका हूं इस तरह की कालजयी पोस्ट देते रहने की वजह से ब्लॉग जगत में आपका बहुत ऊंचा मकाम रिज़र्व है...और फिर तो पुरस्कार ही पुरस्कार, पुरस्कार ही पुरस्कार...जय हिंद...
जब आप कुछ नहीं लिखेते है तब आप की आलोचना भी एक अलग तरह से होती है
जब आप कुछ आच्छा लिखेते है तब आप को कोइए तिप्पाद्दी नहीं देना चाहते है ।
आज के लिया इतना ही आप की आलोचना -------------

Wednesday, October 13, 2010

सब्र करना तो सीख लें।

आज सुबह सुबह एक ब्लॉग पर गए बहुत सुंदर कविता उस ब्लॉग पर थी
उसकी एक लाइन दिल को छू गयी लाइन है (सब्र करना तो सीख लें। )
बहुत ही सुंदर बात इस लाइन में केही गयी है अगर हम और आप इस लाइन से कुछ सीख ले सकते है तो सीक ले
जीवन का सार्थक तत्वा इस लाइन में है हम लोग भीड़ में आगे निकलना चाहते है अपनी बरी का इन्तिज़ार नहीं करते है आप अपनी रोज मर्रा की जिंदगी में सुबह से लाकर शाम तक कहा लाइन में लगते है
आजकल मंदिर में दर्शन के लिया खूब मारा मारी है
लोग बाग मंदिर में शांति की तलाश में जाते है
मंदिर में एक के उपर एक लगता है की भगवन सिर्फ इनका ही इन्तिज़ार कर रहे है
आओ भक्त में तो सुबह से ही तुम्हारा इन्तिज़ार कर रहा हू।
सुबह सुबह आप स्कूल बस का नजारा देखे कुछ बच्चे लाइन में लगना
अपनी शान के खिलाफ समांjhate है
वही आगे चल कर हर काम में बेसब्री दिखाते है
सब्र करना तो सीख लें।तो हम बहुत ही आगे जा सकते है सब्र करना बहुत ही जरुरी है

एक पेग अंदर राम लाल सिकंदर ----दारू की बोतल

बोतल में बंद एक जादूगर के जादू को सलाम
एक बोतल का जादू
एक पानी की बोतल -------आप को जिन्दा रखती है
तेल की बोतल --------आप के दिमाग को ताजा रखती है
मिटटी के तेल की बोतल---------आप को हवालात की हवा खिला सकती है
(अगर आप दहेज़ में विस्वास रखेते है )
दवाई की बोतल-------आप का विस्वास वापस ला देती है
और इनसब से बढ़ कर और एक बोतल है -----दारू की बोतल
जब इसका ढक्कन खुलता है तब एक आम आदमी भी एक राजा की तरह हो जाता है
एक पेग अंदर राम लाल सिकंदर

Tuesday, October 12, 2010

बहुत ही सुंदर चर्चा शुरु की है तन भी सुंदर मन भी सुंदर

सुंदर और सुन्दरता हर आदमी अपनी इन सुंदर सुंदर आखो से देखना चाहता है
सुन्दरता का कोइए पैमाना नहीं होता है
सबका अपना अपना अपना पैमाना होता है
लकिन सुन्दरता सबको अच्काच्ची लगती है
एक बार ऋषि अस्तावाक्र की माँ से किसी नै पूछा
की आप को दुनिया में सबसे सुंदर क्या लगता है
उनका जबाब था मेरा बेटा अस्त्त्तावाक्र ( जबकि ऋषि असता विक्रा आठ जगह से टेढ़ा थे )
तन भी सुंदर मन भी सुंदर तुम सुन्दरता की -------

जिंदगी की तलास में शाम को दो पेग

आज दीपक बाबा जी के ब्लॉग पर के दिनों के बाद गए
वह जाकर देखा की दीपक जी शांति की तलास में आज कल घूम रहे है
जिंदगी की तलाश में शाम को दो पैग
लोगो की जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे है
पता नहीं कियो लोग इन पैग का सहारा ले रहे है
यह बात समाज h में नहीं आती है
आज का समाज बदल रहा है
शान्ति का दान दीजिए.........
कृपया शांत रहिये........
जैसे शब्द कई जगह लिखे होते हैं..... कई बार सोचते थे की शांत ही तो हैं.
पर ८-१० घंटे घर में बिलकुल एकांत में बैठने पर ये बात समझ आ जाती है. मोबाइल को स्विच ऑफ कर दीजिए...... लैंड लाइन फोन उठा कर रख दीजिए........... सौगंध खाइए ....... की किसी भी स्क्रीन के सामने नहीं बैठेंगे. खुद चाय भी मत बनाइये.......... किताबों को भी शेल्फ में रखी रहने दो..
शांति........
अनंत शान्ति.............
सुई भी नहीं गिर रही..........
भाई दीपक जी शांति दो चीस का प्रतीक है
१.शांति शक्ति का प्रतीक है।
२.शांति ---समुंदर जब शांत होता है तब किसी बड़े तूफ़ान आने का संकेत होता है ।
जरुरत से जयादा शांति ठीक नहीं है
अब बात करते है दीपक जी के दो पेग की
भाई दीपक जी किसी ने कह है
जाम पे जाम पी रहा है ,रात भर पी ये गा सुबह उतर जायगी
दो घुट उनकी नजरो से पी जालिम ,तेरी जिंदगी नसे में गुजर जायगी
भाई दीपक जी अभी इतना ही

Saturday, October 9, 2010

परचा और आप कि जिंदगी कि चर्चा

परचा आप लोगो के मन में होगा कि यह कोइ सुब्जेक्ट है
जिस पर आप कुछ लिख सकते है हम आप कपो बताते है
कि परचा जिसको आज कल लोग मामूली समझते है
आप के जीवन मैं उसका बहुत ही महतव है
आप के पैदा होने से लेकर मरने के बाद तक परचा का बहुत ही योगदान है
१.जब अप प्रोसेस मैं थे तब डाक्टरनी का परचा
२.प्रोसेस से आने के बाद पंडित जी का परचा
३.लोगो के साथ खुसी बटानेवाला लोगो कि लिस्ट का का परचा
४.आब उसके बाद आप कई स्कूल कि लिस्ट का परचा कि किस स्कूल मैं आप भर्ती होंगे
५.अब आप धरातल पर आ गए स्कूल कि किताबो का परचा/फीस का परचा/
६.सबसे कठिन आप के इम्तिहान का परचा
इन सब के बाद फिर सुरु होता है आप कि नै जिंदगी का परचा
१.शादी का परचा उस पर होती है भरपूर चर्चा
२.शादी के सामान का परचा
३.लालजी के खर्चे का परचा
मरने का बाद फीर वही परचा कि ये लाना है वो लाना ही यह परचा नहीं रहा
वो परचा नहीं मील रहा --------
पर्चे के बारे मैं लालाजी ने सही कहा है
कि पहेले लिख और पीछे देख भूल गया तो कागज मैं देख

Friday, October 8, 2010

जापान के बारे में कोईकुछ बतायगा

आज मन में आया की जापान के बारे में कुछ लिखे लेकिन क्या करे
जापान के बारे में बहुत ही कम जानते है इसलिय आज जापान के बारे में कुछ नहीं लिख रहे है
आप लोगो से विन्रम निवदेन है की अगर कुछ जापान के बारे में जानते है तो मार्ग दर्शन करे
सुनते है जापान की संस्कृति बहुत आच्छी है
जापानी अपने देश के लिए अपने संस्कृति के लिए विश्व प्रशिद्द है
जापान और जापानी कुछ होगी नई कहानी
क्या हम भारत वासी जापानी लोगो से कुछ सीख सकते है

हिन्दू अगर कुछ कहना चाहे तो गलत मुसल मान अगर कुछ कहे तो खुदा ने कहा

अगर हिन्दू कुछ कहता है तो गलत है और सलीम खान कुछ कहेते है तो वोह खुदा ने कहा है की सलीम ऐसा कर
वाह रे भारत के मुस्लमान जिस थाली में खाता है उसी थाली में छेद करता है
पाकिस्तान में हिंदुस्तान के मुसल मान को मुजाहिर कहा जाता है
मुजाहिर मतलब यह सलीम जैसे लोग ही बता सकते है
की मुजाहिर किसको कहेते है
वही पाकिस्तानी मुजाहिर हिंदुस्तान में रह कर हिन्दुस्तानी को गलत साबित करना चाहते है
जयादा नहीं तो कुछ तो खुदा के खौफ से डरो
कश्मीर में अभी कुछ दिन पहेले क्या हुआ था सब मुजहिरो के खुदा का कहर था
वाह रे खुदा तुने भी क्या एक कौम बनाई है मुजाहिर -----घर में शेर दुश्मन के सामने ढेर

Thursday, October 7, 2010

देशनामा: हमलावरों ने हाथ काटा, कॉलेज ने नौकरी से बर्खास्त किया...खुशदीप इस्लामी कट्टरपंथियों का नया कारनामा

देशनामा: हमलावरों ने हाथ काटा, कॉलेज ने नौकरी से बर्खास्त किया...खुशदीप

इस्लामी कट्टरपंथियों का नया कारनामा

एक मुसलमान ब्लॉगर नाम सलीम खान गलत बयान देकर उकसा रहा है
आइसे लोगो से दूर ही रहा करो
सूअर जब भी मुह मारेगा गंद्ध में ही मुह्ह मारेगा
क्या आप को गन्दगी पसंद है
मुस्लमान न तो पहेले विश्वास के काबिल था न ही आज विश्वास के काबिल है
सारा देश इस समय बहुत ही विश्वास के साथ एक दुसरे के साथ रह रहे है
यह सब इन से देखा नहीं जा रहा है अगर देश अईसे ही चलता रहा तो सलीम जैसे लोगो की दुकान बंद हो जायगे
तब यह क्या करेंगे यह सब के सब खाते इस देश का है गाते दुसरे देश का है
यह लोग अपनी माँ को माँ नहीं कहते दुसरे की माँ को अपनी माँ कहते है
अगर इनके साथ भी वही किया जाये जो पाक में हिन्दुओ के साथ होता है
तब इनको पता चलेगा की भारत कैसा देश है
आज नहीं तो कल ----------------------

कुछ मुस्लमान गलत बयान देकर हिन्दुओ को उकसा रहे है

एक मुसलमान ब्लॉगर नाम सलीम खान गलत बयान देकर उकसा रहा है
आइसे लोगो से दूर ही रहा करो
सूअर जब भी मुह मारेगा गंद्ध में ही मुह्ह मारेगा
क्या आप को गन्दगी पसंद है
मुस्लमान न तो पहेले विश्वास के काबिल था न ही आज विश्वास के काबिल है
सारा देश इस समय बहुत ही विश्वास के साथ एक दुसरे के साथ रह रहे है
यह सब इन से देखा नहीं जा रहा है अगर देश अईसे ही चलता रहा तो सलीम जैसे लोगो की दुकान बंद हो जायगे
तब यह क्या करेंगे यह सब के सब खाते इस देश का है गाते दुसरे देश का है
यह लोग अपनी माँ को माँ नहीं कहते दुसरे की माँ को अपनी माँ कहते है
अगर इनके साथ भी वही किया जाये जो पाक में हिन्दुओ के साथ होता है
तब इनको पता चलेगा की भारत कैसा देश है
आज नहीं तो कल ----------------------

टिप्पड़ी पाने का घटिया तरीका मुस्लिम ब्लोगेर द्वारा

आज एक ब्लॉग पर गया बहुत ही सुंदर सुंदर विचार लोगो ने प्रकट किये लगता था की यह लोग ब्लॉग्गिंग का दुरूपोगे कर रहे है आइसे लोगो के ब्लॉग को तुरंत बंद करना चाहिय यह लोग पैसे लेकर किसी संगठन के लिए काम कर रहे है ब्लॉग जगत में इन की भाषा बहुत ही आपत्ति जनक है आप लोग ब्लॉग पर जाकर दीख सकते है
यह लोग एक एजेंट की तरह काम कर रहे है इस काम का इनको पैसा मिलता है
आइसे लोग लोगो की भावना के साथ खेलते है
न तो इनके ब्लॉग पर जाने की जरुरत है
न ही इनको कोइए भी टिप्पड़ी देने की जरुरत है
मुसलमान न तो पहीले विश्वास के काबिल था न ही आज विश्वासके काबिल है इन पर किसी भी तरह का विश्वास करने की जरुरत नहीं है बेटे ने बाप को मार कर गद्दी ली है भाई ने भाई को मार कर गद्दी ली है इतिहास गवाह है

आजकल दिल्ली में यातायात सुचारू चल रहा है

आजकल दिल्ली में यातायात सुचारू चल रहा है आज हम फरीदाबाद गए यातायात बहुत ही सुंदर मिला तबियत खुस हो गयी अगर ऐसा ही सुचारू रूप से रहे यही हमारी कामना है.

अपुना झंकल करे कहे आवा दददा दू कचौरी तोहाऊ खा ले

गाँव में एक कहावत है ,
घर में नहीं है दाने अम्मा गयी है भुजाने ,
कुल सत्तर करोड़ का गुब्बारा खाली हवा में उड़ा दिया पूरी दुनिया ने उसको देखा - वाह वाह मिली.
यह उन लोगो नें भी देखा जो भारत को एक भिखारियों और सपेरों का देश कहा करते है.
आज भारत का किसान आत्महत्या कर रहा है .और सरकार सत्तर करोड़ का गुब्बारा
हवा में उड़ा रही है ....... आज हर मंदिर के बाहर भिखारी खड़ा है यह सब सरकार की देन हैं.
आज दिल्ली का भिखारी गंगा किनारे हरद्वार और गर्मुक्तेश्वर में ट्रक भर कर भेज दिए गए. मात्र इसलिए कि इस सरकारी खुशी के मौके पर कोई ग़मगीन न दिखे.

कल को वोह फिर दिल्ली में आ जायेंगे.

कल जब नशा उतरेगा तब समझ में आयगा की यह सब तो भारत की जनता का खून पसीना का पैसा था. क्या किसी सांसद ने खेल के नाम पर अपने पूजी का कोई एक रूपया लगाया है.............

तो फिर भारत के माध्यम वर्ग की पूंजी (जो आयकर द्वारा सरकार को प्राप्त हुई) ही क्योंकर बर्बाद हुई........ जनता जवाब मांगती है.

Wednesday, October 6, 2010

आज वतन पर जाँ फ़िदा करने वालों कों २-४ लाख

आज वतन पर जाँ फ़िदा करने वालों कों २-४ लाख और ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने वालों को २५ लाख _________ आब आप खुद ही सोचो क़ि ये किस तरह की नजीर हमारे सामने रखी जाती है
आप अपने विचार खुल कर दे सकते है स्वागत है

पुरुषों के खिलाफ होने वाली हिंसा की बातकोई नहीं मानता है

नई दिल्ली। 'पत्नी सताए तो हमें बताएं' जैसे विज्ञापनों को एक समय अतिरंजना के तौर पर देखा जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय के आंकड़ों ने इस धारणा को बदल दिया है कि सिर्फ महिलाएं ही घरेलू हिंसा का शिकार बनती हैं। अब सिक्के का दूसरा पहलू सामने आया है, जिसमें पुरुषों को भी घर या समाज में किसी न किसी प्रकार की शारीरिक, मानसिक या आर्थिक हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले कुछ दिनों से ऐसे मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसमें पुरुषों को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है और पुरुषों को इस बात को लेकर मलाल है कि उनकी इन शिकायतों का न तो कहीं निपटारा हो रहा है और न ही समाज उनकी इन शिकायतों को स्वीकार कर रहा है। घरेलू हिंसा के शिकार होने वाले पुरुषों के लिए काम करने वाली संस्था 'सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन' के प्रतिनिधि प्रकाश जुगनाके इसकी गंभीरता को कुछ ऐसे बताते हैं कि तस्वीर का सबसे भयावह पहलू यह है कि पुरुषों के खिलाफ होने वाली हिंसा की बात न तो कोई मानता है और न ही पुलिस इसकी शिकायत दर्ज करती है। इस सबसे परेशान होकर कई बार पुरुष बेबसी में आत्महत्या जैसा कदम उठाने को भी मजबूर हो जाते हैं। जुगनाके ने से कहा कि महिलाओं के पास कानून का कवच है, जिसका खुलकर दुरुपयोग हो रहा है। इस बात को अब स्वीकार भी किया जा रहा है, लेकिन स्थिति यथावत है। शीर्षाधिकारियों के पास जानकारी है, इसलिए वे मान जाते हैं, लेकिन छोटे शहरों में घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों को अपनी शिकायत रखने के लिए कोई मंच नहीं मिलता है।
एक अन्य संगठन 'फैमिली' के संयोजक अमित त्रिपाठी के मुताबिक समाज भी इस बात को स्वीकार नहीं करता कि पुरुषों के साथ महिलाएं हिंसा करती हैं। त्रिपाठी के मुताबिक, दहेज के झूठे मामलों की तो छोड़िए, वे तो सबके सामने आ गए हैं। पुरुष तो चारदीवारी के भीतर मारपीट और पैसे छीने जाने के मामलों के भी शिकार हो रहे हैं, समाज में क्या इन बातों को कोई स्वीकार करेगा? सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले महीने एक मामले की सुनवाई के दौरान घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की स्थिति को समझते हुए कहा कि महिलाएं दहेज विरोधी कानून का दुरुपयोग कर रही हैं और सरकार को इस कानून पर एक बार फिर नजर डालने की जरूरत है। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ ने धारा 498 [ए] के दुरुपयोग की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर कहा था कि कई ऐसी शिकायतें देखने को मिली हैं, जो वास्तविक नहीं होतीं और किसी खास उद्देश्य को लेकर दायर की जाती हैं। जुगनाके ने बताया कि उनके संगठन समेत कई अन्य संगठनों ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है, जिस पर कार्रवाई का इंतजार है।
पुरुष इस समस्या से निपटने के लिए किसका सहारा लें, इस सवाल के जवाब में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश जैन कहती हैं कि सबसे पहले तो पुरुषों को इस बारे में प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। अगर पुलिस प्राथमिकी के बाद कोई कार्रवाई न करे, तो इस प्राथमिकी को जिला न्यायाधीश के पास दिखाया जा सकता है। जैन ने कहा कि पुरुषों की शिकायत होती है कि पुलिस उनकी शिकायत पर मामला दर्ज ही नहीं करती, ऐसे में पीड़ित पक्ष सीधे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है। कमलेश ने इस बात को भी रेखांकित किया कि निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अब इस बात को महसूस कर रहे हैं कि महिलाएं 498 [ए] का दुरुपयोग कर रही हैं। इसी का परिणाम है कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें अदालतों ने झूठी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए महिलाओं को सजा दी है।
सेव फैमिली फाउंडेशन और माइ नेशन फाउंडेशन ने अप्रैल 2005 से मार्च 2006 के बीच एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में शामिल लगभग एक लाख पुरुषों में से 98 फीसदी पुरुष किसी न किसी तौर पर घरेलू हिंसा का शिकार बन चुके थे। इसमें आर्थिक, शारीरिक, मानसिक और यौन संबंधों के दौरान की जाने वाली हिंसा के मामले शामिल थे।

गुब्बारा की हवा निकल जायगी भारत की जनता भारत में रह जायगे

कुल सत्तर करोड़ का गुब्बारा खाली हवा में उड़ा दिया पूरी दुनिया ने उसको देखा - वाह वाह मिली.
यह उन लोगो नें भी देखा जो भारत को एक भिखारियों और सपेरों का देश कहा करते है.
आज भारत का किसान आत्महत्या कर रहा है .और सरकार सत्तर करोड़ का गुब्बारा
हवा में उड़ा रही है ....... आज हर मंदिर के बाहर भिखारी खड़ा है यह सब सरकार की देन हैं.
आज दिल्ली का भिखारी गंगा किनारे हरद्वार और गर्मुक्तेश्वर में ट्रक भर कर भेज दिए गए. मात्र इसलिए कि इस सरकारी खुशी के मौके पर कोई ग़मगीन न दिखे.

कल को वोह फिर दिल्ली में आ जायेंगे.

कल जब नशा उतरेगा तब समझ में आयगा की यह सब तो भारत की जनता का खून पसीना का पैसा था. क्या किसी सांसद ने खेल के नाम पर अपने पूजी का कोई एक रूपया लगाया है.............

तो फिर भारत के माध्यम वर्ग की पूंजी (जो आयकर द्वारा सरकार को प्राप्त हुई) ही क्योंकर बर्बाद हुई........ जनता जवाब मांगती है.

Monday, October 4, 2010

पिनक में आदमी पता नहीं क्या क्या कर जाता है

एक आम आदमी जब अपनी पिनक में होता है तब पता नहीं क्या क्या कर जाता है,
पिनक का नशा afeem के नसे से भी जयादा खतरनाक है ,
पिनक में आदमी को कुछ भी याद नहीं रहता है की वोह क्या कर रहा है
जब उसकी पिनक उतरती है तब उसको पता चलता है की उसने क्या किया,
phir बाद में कहता है की यार वोह तो मैना पिनक में कर दिया ,
पिनक में कुछ लोग बहुत ही आच्छा काम करते है ,
पिनक की महिमा अपरम्पार है ,
आज हम भी कुछ पिनक में है ,कभी मौका मिला तो सनकी के उपर भी लिखंगे

पिनक में आदमी न जाने क्या क्या कर जाता है

एक आम आदमी जब अपनी पिनक में होता है तब पता नहीं क्या क्या कर जाता है,
पिनक का नशा afeem के नसे से भी जयादा खतरनाक है ,
पिनक में आदमी को कुछ भी याद नहीं रहता है की वोह क्या कर रहा है
जब उसकी पिनक उतरती है तब उसको पता चलता है की उसने क्या किया,
phir बाद में कहता है की यार वोह तो मैना पिनक में कर दिया ,
पिनक में कुछ लोग बहुत ही आच्छा काम करते है ,
पिनक की महिमा अपरम्पार है ,
आज हम भी कुछ पिनक में है ,कभी मौका मिला तो सनकी के उपर भी लिखंगे

Friday, October 1, 2010

न राम कुछ खाने को देगा, न अल्लाह .......... और जो देगा वो बंटी चोर देगा.

ये बंटी चोर पत्ता नहीं किस भले मानुस के लेख के हेडिंग चुरा कर हर जगह बांटता फिर रहा है? पहले समयचक्र वाले मिश्र जी परेशान थे, फिर एक दीपक बाबा त्राहिमाम दिखे.

हंसी भी आती ही – और कुछ क्षोभ सा भी होता है. हमने भी एक बार किसी ब्लोग्गर कि कविता उड़ा कर अपने ब्लॉग में चस्पा कर दी थी..... पर ये सब अनजाने में हुवा था.... कई लोगों के कमेंट्स आये – किसी ने नाराज़गी दिखाई ......... किसी ने समझया.

हमें पता चला कि हम जो कर आये- वो चोरी है.

पर आजकल ३ दिन से इस बंटी चोर ने ब्लॉग जगत में हल्ला मचा रखा है........ आपकी क्या राय है. बंटी चोर के बारे में आपके सुझाव आमंत्रित हैं.

न जाने लोग कैसे कैसे नाम ब्लॉग पर रख लेते है

आज कुछ लोगो के ब्लॉग पर गया जैसे उनलोगों के ब्लॉग है वैसे ही उन लोगो का लेखन है
कोई चोर है कोई लुटेरा है और पता नहीं क्या क्या है ,
यह सब एक --------तरीका है