बंद की नौटंकी हमारे देश के नेता लोग कुछ जाने या न जाने लकिन नौटंकी करना खूब जानते है .
अब कल की बात ले ले पूरा का पूरा विपक्ष कल भारत बंद की अगुई कर रहा था ये सब के सब एक भाड़ की तरह नौटंकी कर रहे थे इन को जनता और जनता की परेसानी से कोइए लेना देना नहीं है बस अपनी ड्रामा कंपनी का नाम किसी तरह से रोशन हो जाये कोई साइकिल चल रहा है क़ोई पदयात्रा कर रहा है सब की अपनी अपनी दूकान दारी चालू थी ...आम जनता का किया हाल था यह आम जनता से किसी ने नहीं पुच्छा
इन सब को बंद से क्या मिला ???
और आम जनता को किया मिला ???
इन सब का नाम मीडिया ने लिया लेकिन मीडिया को आम जनता से क्या मतलब ...मजदूर की तो एक दिन की मजदूरी गयी उसकी मजदूरी कौन देगा ....रेल रोक दी ,बस रोक दी,....
इन सब के पिछवाड़े मैं दम हो तो सत्ताधारी पार्टी के लोगो की बिजली,पानी ,और आना जाना ,मिलना ,जुलना टट्टी और पेशाब बंद करे तब बंद माना जाता है न की आम जनता को उसके रोज के कामो की जिंदगी को ...इधर उधर करना ...कोई बाहर देश से यहाँ अपने घर आया पता लगा बंद के कारन वह रेलवे स्टेशन पर ही है ,
इन सब के पिछवाड़े मैं दम हो तो सत्ताधारी पार्टी के लोगो की बिजली,पानी ,और आना जाना ,मिलना ,जुलना टट्टी और पेशाब बंद करे तब बंद माना जाता है ..
ये सब साली अपने अपने हिस्से की मारामारी है और कुछ नहीं है।।।।
जय बाबा बनारस।।।
अब कल की बात ले ले पूरा का पूरा विपक्ष कल भारत बंद की अगुई कर रहा था ये सब के सब एक भाड़ की तरह नौटंकी कर रहे थे इन को जनता और जनता की परेसानी से कोइए लेना देना नहीं है बस अपनी ड्रामा कंपनी का नाम किसी तरह से रोशन हो जाये कोई साइकिल चल रहा है क़ोई पदयात्रा कर रहा है सब की अपनी अपनी दूकान दारी चालू थी ...आम जनता का किया हाल था यह आम जनता से किसी ने नहीं पुच्छा
इन सब को बंद से क्या मिला ???
और आम जनता को किया मिला ???
इन सब का नाम मीडिया ने लिया लेकिन मीडिया को आम जनता से क्या मतलब ...मजदूर की तो एक दिन की मजदूरी गयी उसकी मजदूरी कौन देगा ....रेल रोक दी ,बस रोक दी,....
इन सब के पिछवाड़े मैं दम हो तो सत्ताधारी पार्टी के लोगो की बिजली,पानी ,और आना जाना ,मिलना ,जुलना टट्टी और पेशाब बंद करे तब बंद माना जाता है न की आम जनता को उसके रोज के कामो की जिंदगी को ...इधर उधर करना ...कोई बाहर देश से यहाँ अपने घर आया पता लगा बंद के कारन वह रेलवे स्टेशन पर ही है ,
इन सब के पिछवाड़े मैं दम हो तो सत्ताधारी पार्टी के लोगो की बिजली,पानी ,और आना जाना ,मिलना ,जुलना टट्टी और पेशाब बंद करे तब बंद माना जाता है ..
ये सब साली अपने अपने हिस्से की मारामारी है और कुछ नहीं है।।।।
जय बाबा बनारस।।।