Friday, September 21, 2012

मजदूरी कौन देगा

बंद की नौटंकी हमारे देश के नेता लोग कुछ जाने या न जाने लकिन नौटंकी करना खूब जानते है .
अब कल की बात ले ले पूरा का पूरा विपक्ष कल भारत बंद की अगुई  कर रहा था ये सब के सब एक भाड़ की तरह नौटंकी कर रहे थे इन को जनता और जनता की परेसानी से कोइए लेना देना नहीं है बस अपनी ड्रामा कंपनी का नाम किसी तरह से रोशन हो जाये कोई  साइकिल चल रहा है क़ोई  पदयात्रा कर रहा है  सब की अपनी अपनी दूकान दारी चालू थी ...आम जनता का किया हाल था यह आम जनता से किसी ने नहीं पुच्छा
इन सब को बंद से क्या मिला ???
और आम जनता को किया मिला ???

इन सब का नाम मीडिया ने लिया लेकिन  मीडिया को आम जनता से क्या  मतलब ...मजदूर की तो एक दिन की मजदूरी गयी उसकी मजदूरी कौन देगा ....रेल रोक दी ,बस रोक दी,....

इन सब के पिछवाड़े मैं दम हो तो सत्ताधारी पार्टी के लोगो की बिजली,पानी ,और आना जाना ,मिलना ,जुलना टट्टी और पेशाब बंद करे तब बंद माना  जाता है न की आम जनता को उसके रोज के कामो की जिंदगी को ...इधर उधर करना ...कोई बाहर देश से यहाँ अपने घर आया पता लगा बंद के कारन वह रेलवे स्टेशन पर ही है ,

इन सब के पिछवाड़े मैं दम हो तो सत्ताधारी पार्टी के लोगो की बिजली,पानी ,और आना जाना ,मिलना ,जुलना टट्टी और पेशाब बंद करे तब बंद माना  जाता है ..
ये सब साली अपने अपने  हिस्से की मारामारी है और कुछ नहीं है।।।।

जय बाबा बनारस।।।

Monday, September 17, 2012

मालकिन

 एक बहुत ही ईमानदार  आदमी था बचपन से लेकर जवानी तक कभी किसी ने उसकी तरफ उंगली नहीं उठाई आदमी धीरे जब बड़ा होता है तब उसकी मह्तावाकांछा बड़ी होने लगाती है वह आदमी एक विधवा के यहाँ पर काम करता था एक दिन उस विधवा ने उस ईमान दार आदमी की परीच्छा लेने की सोची परिच्छा मैं वह आदमी पास हो गया जब वह पास हो गया तब उसकी मालकिन ने उसको कुछ इनाम देने की सोची इनाम मैं बहुत कुछ दिया  यहाँ तक की अपना तन मन धन और पता नहीं क्या क्या दे दिया मालकिन बहुत ही चतुर और चालाक थी मालकिन ने जो कुछ भी दिया था उसके गुप्त रूप से कुछ सबूत अपनी पास रख लिए थे
अब वह आये दिन उस ईमान दार मुलाजिम से कुछ न कुछ गलत करवाती रहती वह बेचारा चुपचाप बिना कुछ कहे अपनी मालकिन की हर बात एक आदेश की तरह मानने  लगा मालकिन ने एक दिन उसको अपनी कम्पनी का मालिक मुख्तार बना दिया अब तो वह एक गुलाम से भी बदतर काम करने लगा जब भी कुछ सोचता अपनी मालकिन की भलाई के लिए ही सोचता
               कुछ दिन के बाद मालकिन ने उसको चोरी के काम मैं लगा दिया कुछ दिन तो वह डरता था लकिन बाद मैं

उसे चोरी करने मैं बड़ा मजा आता था चोर, चोरी अपनी मालकिन के कहने पर ही करता था चोर था बहुत ही ईमानदार सब लोग उसको बहुत ही इमानदार समझते थे पता नहीं अपने लिए कुछ करता था या नहीं लकिन मालकिन का वह आज कल सबसे वफादार है ...
1.आज वह चोर न तो अपनी पत्नी के साथ वफादार है ...
2.न अपने बच्छो के प्रति वफ़ा दार है।।।
3. न ही अपने समाज के लिया वफादार है ,,,,
4.जब इन सबके प्रति वफ़ा दार नहीं है तो देश के लिये क्या  होगा यह हम सब जानते है ...
चोर साहब  कहते है की अब कुछ कड़ा  कदम उठाना पड़ता है 
और तो और अभी कुछ दिनों पहले अपनी मालकिन के कहने पर एक शेर की तरह गरज कर कुछ ऐसा बोला की आज सबकी बोलती बंद करवा राखी है .....

आप सब समझ दार है ऐसे ईमानदार और उसकी ईमानदारी का हमने और आपने क्या करना ....

अब पूरी दुनिया उसको एक चोर के नाम से जानती है।।।।।

जय बाबा बनारस।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।





Tuesday, September 11, 2012

एक आँख से अंधे

भारत जैसे देश  मैं एक आँख से अंधे कुछ सेकुलर रहते है भारत देश की आने वाली पीढ़ी  इन एक आँख से अंधे सेकुलर लोगो से सावधान   हो जाये नहीं   तो ये सेकुलर अन्धो की जमात  आने वाली  आज की जनता को बर्बाद कर चुकी है  बस इस को एक ही आँख से दिखता है ...इनका बस एक ही इलाज है की या तो इनकी दूसरी आख लगवा दी जाये ..या फिर इनकी जो एक आँख है उसका भी खत्म कर के अंधो की जमात मैं इनको शामिल  कर दीया  जाये।।।

जय बाबा  बनारस ....