Thursday, March 31, 2011

मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। फर्स्ट अप्रैल की शुभकामनायें| ....


मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। फर्स्ट अप्रैल की शुभकामनायें|

वो मूरख है उसको हमने मूरख बनाया यार उसने मूरख बना दिया जब से होश संभाला है तबसे इन सबसे वास्ता पड़ता रहता है मूरख बन कर भी हसी आती है और मूरख बना कर भी हसी आती है तभी कहा जाता है की -------
 मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। कभी कभी मूरख बनाने में मज़ा आता है .

ज्ञानी लोग ज्ञान की बाते करते है और मूरख लोग मुरखता की बाते करते है भाई हम तो मूरख आज के दिन ठीक है .मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। फर्स्ट अप्रैल की शुभकामनायें|

जय बाबा बनारस.......



कागज कोरा दीखते

कागज कोरा दीखते ही ,लिख दिया हाले दिल ,
यार का दीदार हो तो,पढ़ कर सुनाऊ,
पढ़ कर सुनाऊ ,या गाकर  सुनाऊ,
तू कुछ कहे तो दिल अपना चीर कर दिखाऊ ,
ये वादे ये कसमे रह जायंगी ऊही,
बस याद तेरी आ आ कर ---------------भारत की जीत पर आप सब को हार्दिक बधाई हो ........
जय बाबा बनारस .............

Sunday, March 27, 2011

हाल किया हे दिलो का न पूछो सनम


हाल क्या हे दिलो का न पूछो सनम ??????????????????????????????????????
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जय बाबा बनारस...................

Friday, March 25, 2011

दुनिया बड़ी बेदर्दी है .............

 मौसम है मस्ताना दिल मे सबके एक तराना 
आज कल मौसम बहुत ही मस्त है न बहुत  गर्मी 
न बहुत   सर्दी  फिर भी लोग कह रहे है मौसम है बेदर्दी 

आज सतीश सक्सेना जी के ब्लॉग पर जा कर देखा 
सक्सेना जी  ने  बहुत सुंदर लिखा है लेखन के जरिये जो कुछ यहाँ बो रहे हैं यह अमर है ! लेखन और बोले शब्द समाप्त नहीं होते हैं बल्कि परिवार , समाज पर गहरा असर डालते हैं ! यह कभी न भूलें कि आप जो कुछ भी लिख रहे हैं, ऐसा नहीं हो सकता कि आपके बच्चे , और परिवार के अन्य सदस्य देर सवेर उसे नहीं पढेंगे , उस समय आपको पढ़कर और जानकर वही इज्ज़त और सम्मान आपको देंगे जिसको आपका लेखन इंगित करता है !
बिलकुल सही लिखा है अगर आप आज आम का पौधा रोपे  गे तो आप को आम खाने को मिलेंगे ...

अगर आप कक्टेस का ---------- आप लोग खुद ही  समझदार है 
अपना तो बस एक ही सिद्धांत है स्वस्थ  रहो ,मस्त रहो, व्यस्त रहो.......दुनिया बड़ी बेदर्दी  है 

जय बाबा  बनारस........
  

Wednesday, March 23, 2011

आज कोइए नाराज़ है----------

आज कोइए नाराज़ है ,उसके इस अंदाज़ मैं ही खुस है,
जिंदगी है छोटी चार पल मैं खुस हम 
घर मैं खुस है अफ्फिस मैं खुस है 
बस मैं खुस है रेल मैं खुस है 
आज मुर्गे की टांग नहीं तो बस दाल भात मैं खुस है
आज गाडी मैं जाने का मन नहीं है तो दो कदम साथ चल के खुस है 
आज दोस्तों का साथ नहीं ,तो ब्लॉग्गिंग कर के खुस है,
जिसको देख नहीं सकते ,उसकी आवाज सुन के ही खुस है,
आज कोइए नाराज़ है ,उसके इस अंदाज़ मैं ही खुस है,
जिसको पा नहीं सकते ,उसकी याद मैं ही खुस है ,
बीता हुआ कल जा चुका है,उसकी मीठी यादो मैं खुस है,
आज कोइए नाराज़ है ,उसके इस अंदाज़ मैं ही खुस है,
 

लेकीन लड़का हीरा है हीरा

अब क्या बताएं मौसी !! वैसे लड़का हीरा है हीरा ! कमाने का क्या है अब आदमी जुए में रोज़ रोज़ तो जीत नहीं सकता है, कभी हांर भी जाता है| लेकीन लड़के की कीसमत बहुत अच्छी है| कभी कुछ बुरा नहीं कहता है| हाँ लेकीन दारू ऐसी चीज़ है की 1 बार अन्दर गयी तो फीर अच्छे बुरे का कहाँ धयान रहता है| वैसे ये ज्यादा दारू भी नहीं पीता लेकीन जब भी वो नाचने वाली के पास जाता है तो पता नहीं इसे क्या हो जाता है...पीता ही चला जाता है, कनट्रोल ही नहीं कर पाता है! मैं तो कहता हूँ की रीशते के लीए इससे अच्छा लड़का मिळना मुश्कील है| हाँ बस घर का ठीकाना नही है| उसका क्या है आज नहीं तो कल वो भी हो जायेगा| लेकीन लड़का हीरा है हीरा

Friday, March 18, 2011

आप को होली शुभ हो -----यादे दिल को बहुत सकूँ देती है

बचपन की एक यादगार होली बचपन की यादे दिल को बहुत सकूँ देती है 
होली के दौरान बच्चो की सरारत कुछ जयादा बढ़ जाती है घरो मैं भी चहल पहल का माहोल होता है 
बच्चे कुछ जयादा ही सरारती होते है होली की तरंग मैं पता नहीं किया किया हो जाता है 
एक बार होली वाले दिन सब होली की मस्ती मैं मस्त थे हम भी अपने टोली के साथ मस्त थे 
नशा क्या होता है नसे का क्या सरुर होता है क्या मस्ती होती है यह पहली बार  उस दिन पता चला  
बस गलती से एक ढक्कन उस दिन पी थी आज तक उसका नशा है मस्ती है तरंग है 
होली के दिन एक बार अपना बचपन याद आ ही जाता है  
बस आज इतना ही---------आप को होली   शुभ हो 

Monday, March 14, 2011

भूल जाओ भारत को.....

भारत और इंडिया आज देशनामा के ब्लॉग पर जा कर रेडियो वार्ता सुनी
वार्ता का विषय सुंदर था एक जवलंत समस्या पर चर्चा थी .
तब से एक बात समाज मैं नहीं आयी की हम भारत मैं रह रहे है 
या फिर इंडिया मैं कुछ समझ नहीं आया -----
सरकार हम लोगो को भारत मैं रह कर इंडिया का सपना दिखा रही है .
मौजदा सरकार गांधीवादी सरकार है ----गांधी जी के पास जमापूंजी 
जो की हम लोग फोटो और नोट पर दखते है 
बस एक लाठी ,आधी धोती, और एक घडी बस यही नज़र आता है 
और मुख्या बात पूरा देश गाँधी जी के पीछे मौजदा सरकार वही पालन आज तक कर रही है 
जैसे गाँधी जी अपने अंतिम  समय तक थे मौजदा सरकार पुरे भारत को आइसा ही करना चाहती है 
आज आप का ब्रांडेड कपड़ा नए बजट मैं १०% बढ़ गया और  कोइए हो हल्ला नहीं है 
हमारी जनता गाँधी जी को बहुत मानती है कपड़ा आधा पहन लेंगे गाँधी गिरी मैं यह सब चलता है 
यह भारत देश है बाबु एहा अब  पानी मोल बिकता है 
अब दूध और दही की नदिया नहीं बहती है .........
यह आप का इंडिया है सरकार का इंडिया है ,  संसार का इंडिया  है 
एहा अब पानी मोल बिकता है ------
जय बाबा बनारस...........................
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Saturday, March 12, 2011

ब्लॉगर की आत्मा क्या सरकार से डरती है ?

ब्लॉगर की आत्मा क्या सरकार से डरती है नहीं नहीं ........यह सरकार ब्लोग्गेर्स से डरती है ...
१.क्या सरकार ब्लॉग पर लिखती है ?....................................ब्लॉगर लिखता है.....
२.ब्लॉगर सरकार से कुछ लेता है ?----------------ब्लॉगर सरकार को कुछ न कुछ देता है .
३.ब्लॉगर सरकार को क्या देता है ?................ब्लॉगर सरकार को सेल्स  टैक्स ,इन्कोमे टैक्स,servicetax ,संपत्ति कर,राजस्व  कर,उत्पाद कर,और पता नहीं नहीं कौन कौन से कर देता है ......
४.सरकार ब्लॉगर को क्या देती  है? ----------------पीने को गन्दा पानी ,(वाटर टैक्स लेने के बाद ), 
टूटी फूटी सडके,कूड़ा करकट युक्त नाली ,भय मैं जीने की मज़बूरी ,

दुनिया मं दाता बड़ा है --ब्लॉगर सरकार से बड़ा है ----ब्लॉगर के पास वोट है -----जो की सरकार के पास नहीं है 
सरकार ब्लॉगर से डरती है ----एक अदना सा ब्लॉगर सरकार का तख्ता पलट सकता है ------

Sunday, March 6, 2011

आप का मुस्कराना गज़ब हो गया

आप का मुस्कराना गज़ब हो गया
आज सुबह सुबह मन मे एक ख्याल आया
 कुछ नया किया जाये अब मन ने पूछा
 बाबा बनारस क्या करोगे
आज हमने कुछ नया करना था
सुबह सुबह जिसको देखते थे कुछ न  कुछ जरुर उसके बारे मैं सोचते थे,अल सुबह सबसे पहले अपने घर मैं जो मेम्बर है उनका चेहरे देख कर कुछ सोचा ,पुरे दिन मैं कितने लोगो मैं से कुल कितने चेहरे   हसते और मुस्कराते हुए मिले--
घर से निकल कर पार्क की तरफ बड़ी मस्त मस्त चाल से चलने लगे ,
और जो भी राहगीर मिलता एक बार उसको जरुर देखते ,
कुछ लोग रास्ते मैं मिले घर से लाकर पार्क तक एक भी हँसता और मुस्कराता
हुआ कोई  भी नर और नारी नहीं मिला कुछ देर के बाद पार्क मे पहुच गए वह भी वही हाल
कुछ लोग मिले तो नकली मुस्कान के साथ फिर वापसी का समय हो गया .

कुछ देर के बाद फिर वापस अपने इस कार्यक्रम मैं लग गए एक बस स्टाप पर जाकर बैठ गए वह पर बहुत से लोग आ जा रहे थे हाल सभी का एक जैसा ही था बस एक सपाट सा चेहेरा नज़र ही आता था या फिर किसी न किसी उधेड़बुन  मैं एक आम आदमी नज़र आता था  एक मुस्कान के लिया कई घंटे हम वहा रहे  आखिर मैं उब गए की आज एक आम आदमी खुल कर हँस भी नहीं सकता है --

वापस घर आये तब श्रीमती जी ने हँस कर पूछा जनाब आप कहा थे
हमने कहा जिसको खोजा  गली गली वोह घर के आगंन मैं मिली -------------
आप का मुस्कराना गज़ब हो गया

Friday, March 4, 2011

भारत देश मैं हिंदी के ब्लॉगर-------

यह भारत देश है जहाँ पर ७७,करोड मोबाइल धारक है ,
फिर भी लोग कहते है की भारत देश --------?
भारत देश की आबादी कितनी है -----?
भारत देश मैं हिंदी के ब्लॉगर कितने है ------?
कुछ हो या न हो लकिन मोबाइल का होना बहुत जरुरी है .
आज एक घर मैं कई कई मोबाइल है ----
आज  आप को अपने लोगो की पल पल की खबर रखना चाहते है--
जय हो मोबाइल बाबा---


Wednesday, March 2, 2011

kudrat ka karishma

कुदरत का करिश्मा 

कुदरत का भी एक अलग ही मिजाज होता है 
कुदरत का कानून भी एक अलग ही कानून  होता है.
कुदरत कहानी एक अलग ही कहानी होती है.
देख तमाशा कुदरत का 
कही पर धूप ही धूप,कही पर पानी ही पानी है.
कुदरत की बस अजब ही कहानी है.
एक जगह गर्म ,दूसरी जगह सर्द,
सब बाबा की महिमा है 
जय बाबा बनारस--------------------

आरक्षण को माँगना , भीख माँगने जैसा है ।

1.क्या कबीरदास ने कभी आरक्षण की मांग की थी ?.
२.क्या रेदास ने कभी आरक्षण माँगा  था?



अल्पसंख्यक होने के नाम पर आरक्षण को माँगना , भीख माँगने जैसा है 


 इस तरह से माँग करके हम हज़ारों अन्य प्रतिभाशाली भारतीयों का हक मारते हैं 
क्या आप आरक्षण की मांग करते है .


आज की मायावती आरक्षण के कोटे से  सूबे की मुखिया   है ?