ब्लॉग जगत का बहुत प्रतीक्षित कार्यकर्म कल हिंदी भवन, नयी दिल्ली संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और हास्य व्यंग सम्राट श्री अशोक चक्रधर की उपस्तिति बढ़िया लगी. कई बातें जो परेशान करती रही वो आपके सम्मुख रखना चाहता हूँ :
ये कार्यकर्म हिंदी साहित्य निकेतन के ५० वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में लग रहा था... पर कार्यकर्म की अधिकतर ब्लोग्गर भाई ही शोभा बढ़ा रहे थे.... क्या ब्लोग्गरों को वहां मात्र श्रोतायों के लिए ही बुलाया गया था... ज्ञात ये भी हुआ है की ब्लोग्गरों के बीच श्री पुण्य प्रसून वाजपयी जी ने भी कुछ बातें शेयर करनी थी ... पर उनको समय नहीं दिया गया.
दुसरे रविन्द्र प्रभात जी का परिकल्पना डोट कॉम और नुक्कड़ डोट कॉम ... जो कई दिनों से इस कार्यकर्म हेतु पचार और प्रसार में लगे थे .... इन लोगों को ऐसी कौन सी मजबूरी थी की हिंदी साहित्य निकेतन का प्लेटफॉर्म इस्तेमाल किया. जो पुरूस्कार बाटें गए उसके लिए अलग से कार्यकर्म होता तो इसकी भव्यता कुछ और होती.
६२ ब्लोग्गर्स को विभिन्न श्रेणी में सर्वश्रेष्ट माना गया ? पुरूस्कार २-४ तक तो ठीक रहता है पर एक के बाद एक ६० ब्लोगों को चुना गया....... कुछ ऐसा लगा की ब्लोग्गर्स के नाम पहले चुन लिए गए और उनके ब्लोग्गों की प्रकुर्ती देखते हुए उसके आगे 'सर्वश्रेष्ट' लगा कर पुरूस्कार दिया गया है.
हालांकि कोई भी काम संपन्न करवाना मुश्किल है और उसकी आलोचना करना आसान. ... पर इस निमित कुछ सुंझाव मांगे जा सकते थे..... आर्थिक सरोकार भी देखे जा सकते थे.... यानि जहाँ चाह - वहां राह निकल ही आती है. अपना अलग प्लेटफोर्म होता....... तो ब्लॉगजगत में इसकी भव्यता कुछ और होती.
हम तो नए नए हैं इस ब्लॉग्गिंग में मात्र ८ माह ही हुए है..... मगर लगता है ... कुछ न कुछ तो है जो आने वाले दिनों में सामने आएगा.
जय बाबा बनारस.