Wednesday, July 28, 2010

बेड़ा गर्क हो राष्ट्रकुल खेलों का: अय्यरठ्ठ जागरण ब्यूरो,

बेड़ा गर्क हो राष्ट्रकुल खेलों का: अय्यरठ्ठ जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली पहले ही अधूरी तैयारियों को लेकर आलोचनाओं में घिरे दिल्ली राष्ट्रकुल खेल अब शापित भी होने लगे हैं। खेल आयोजन को सफल दिखाने को जहां केंद्र और राज्य सरकार की सांसे फूल रही हैं, वहीं पूर्व खेल मंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मणिशंकर अय्यर ने इसे शाप दे डाला है। थोड़ी सी बारिश में ही तैयारियों की कलई खुलने पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा, बेड़ा गर्क हो इस खेल का। आयोजन सफल हुआ तो उन्हें दुख होगा। वहीं सुरेश कलमाड़ी ने भी पलटवार करते हुए अय्यर के बयान को गैर जिम्मेदाराना और राष्ट्रविरोधी करार दिया। हालांकि अय्यर की इस टिप्पणी से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, मैं नहीं जानता उन्होंने (अय्यर ने) किस संदर्भ में कहा है। चूंकि राष्ट्रकुल खेलों का आयोजन भारत में हो रहा है इसलिए हम आशा करते हैं कि ये सफल हों। एक अन्य पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि इन खेलों का आयोजन देश के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रकुल सरीखे अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के खिलाफ रहे अय्यर ने मंगलवार को जहां सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी, वहीं खेल आयोजन से जुड़े नेताओं के जले पर नमक छिड़क दिया। आयोजन की तैयारी हर मोर्चे पर समय से पीछे है। मंगलवार की हल्की सी बारिश ने रही-सही पोल खोल दी। करोड़ों खर्चकर बनाए गए नेहरू स्टेडियम में भी पानी भर गया। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में अय्यर ने कहा, मैं दिल्ली में हो रही बारिश से बहुत खुश हूं, क्योंकि इससे राष्ट्रकुल खेलों की तैयारियों के लिए चुनौती बढ़ गई है। मुझे दुख होगा अगर आयोजन सफल हो गया, क्योंकि उसके बाद वे ओलंपिक और एशियाड के लिए भी दावा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जो बुरा सोचेगा वही इसकी पैरवी करेगा। जिन पैसों को देश के गरीब बच्चों पर खर्च किया जाना चाहिए था वह इस खेल पर खर्च किया जा रहा है। आयोजन की दहलीज पर खड़ी दिल्ली के लिए उनका यह बयान सभी को चुभ रहा है। कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि वह अय्यर को गंभीरता से नहीं लेते हैं। भाजपा और सपा को भी अय्यर का बयान नहीं पच रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद और सपा प्रवक्ता मोहन सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार पर तो उंगली उठाई लेकिन अय्यर को भी सलाह दी कि इस मौके पर जिम्मेदारी से बोला जाना चाहिए।बेड़ा गर्क हो राष्ट्रकुल खेलों का: अय्यरठ्ठ जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली पहले ही अधूरी तैयारियों को लेकर आलोचनाओं में घिरे दिल्ली राष्ट्रकुल खेल अब शापित भी होने लगे हैं। खेल आयोजन को सफल दिखाने को जहां केंद्र और राज्य सरकार की सांसे फूल रही हैं, वहीं पूर्व खेल मंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मणिशंकर अय्यर ने इसे शाप दे डाला है। थोड़ी सी बारिश में ही तैयारियों की कलई खुलने पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा, बेड़ा गर्क हो इस खेल का। आयोजन सफल हुआ तो उन्हें दुख होगा। वहीं सुरेश कलमाड़ी ने भी पलटवार करते हुए अय्यर के बयान को गैर जिम्मेदाराना और राष्ट्रविरोधी करार दिया। हालांकि अय्यर की इस टिप्पणी से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, मैं नहीं जानता उन्होंने (अय्यर ने) किस संदर्भ में कहा है। चूंकि राष्ट्रकुल खेलों का आयोजन भारत में हो रहा है इसलिए हम आशा करते हैं कि ये सफल हों। एक अन्य पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि इन खेलों का आयोजन देश के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रकुल सरीखे अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के खिलाफ रहे अय्यर ने मंगलवार को जहां सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी, वहीं खेल आयोजन से जुड़े नेताओं के जले पर नमक छिड़क दिया। आयोजन की तैयारी हर मोर्चे पर समय से पीछे है। मंगलवार की हल्की सी बारिश ने रही-सही पोल खोल दी। करोड़ों खर्चकर बनाए गए नेहरू स्टेडियम में भी पानी भर गया। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में अय्यर ने कहा, मैं दिल्ली में हो रही बारिश से बहुत खुश हूं, क्योंकि इससे राष्ट्रकुल खेलों की तैयारियों के लिए चुनौती बढ़ गई है। मुझे दुख होगा अगर आयोजन सफल हो गया, क्योंकि उसके बाद वे ओलंपिक और एशियाड के लिए भी दावा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जो बुरा सोचेगा वही इसकी पैरवी करेगा। जिन पैसों को देश के गरीब बच्चों पर खर्च किया जाना चाहिए था वह इस खेल पर खर्च किया जा रहा है। आयोजन की दहलीज पर खड़ी दिल्ली के लिए उनका यह बयान सभी को चुभ रहा है। कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि वह अय्यर को गंभीरता से नहीं लेते हैं। भाजपा और सपा को भी अय्यर का बयान नहीं पच रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद और सपा प्रवक्ता मोहन सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार पर तो उंगली उठाई लेकिन अय्यर को भी सलाह दी कि इस मौके पर जिम्मेदारी से बोला जाना चाहिए।बेड़ा गर्क हो राष्ट्रकुल खेलों का: अय्यरठ्ठ जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली पहले ही अधूरी तैयारियों को लेकर आलोचनाओं में घिरे दिल्ली राष्ट्रकुल खेल अब शापित भी होने लगे हैं। खेल आयोजन को सफल दिखाने को जहां केंद्र और राज्य सरकार की सांसे फूल रही हैं, वहीं पूर्व खेल मंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मणिशंकर अय्यर ने इसे शाप दे डाला है। थोड़ी सी बारिश में ही तैयारियों की कलई खुलने पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा, बेड़ा गर्क हो इस खेल का। आयोजन सफल हुआ तो उन्हें दुख होगा। वहीं सुरेश कलमाड़ी ने भी पलटवार करते हुए अय्यर के बयान को गैर जिम्मेदाराना और राष्ट्रविरोधी करार दिया। हालांकि अय्यर की इस टिप्पणी से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, मैं नहीं जानता उन्होंने (अय्यर ने) किस संदर्भ में कहा है। चूंकि राष्ट्रकुल खेलों का आयोजन भारत में हो रहा है इसलिए हम आशा करते हैं कि ये सफल हों। एक अन्य पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि इन खेलों का आयोजन देश के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रकुल सरीखे अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के खिलाफ रहे अय्यर ने मंगलवार को जहां सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी, वहीं खेल आयोजन से जुड़े नेताओं के जले पर नमक छिड़क दिया। आयोजन की तैयारी हर मोर्चे पर समय से पीछे है। मंगलवार की हल्की सी बारिश ने रही-सही पोल खोल दी। करोड़ों खर्चकर बनाए गए नेहरू स्टेडियम में भी पानी भर गया। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में अय्यर ने कहा, मैं दिल्ली में हो रही बारिश से बहुत खुश हूं, क्योंकि इससे राष्ट्रकुल खेलों की तैयारियों के लिए चुनौती बढ़ गई है। मुझे दुख होगा अगर आयोजन सफल हो गया, क्योंकि उसके बाद वे ओलंपिक और एशियाड के लिए भी दावा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जो बुरा सोचेगा वही इसकी पैरवी करेगा। जिन पैसों को देश के गरीब बच्चों पर खर्च किया जाना चाहिए था वह इस खेल पर खर्च किया जा रहा है। आयोजन की दहलीज पर खड़ी दिल्ली के लिए उनका यह बयान सभी को चुभ रहा है। कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि वह अय्यर को गंभीरता से नहीं लेते हैं। भाजपा और सपा को भी अय्यर का बयान नहीं पच रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद और सपा प्रवक्ता मोहन सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार पर तो उंगली उठाई लेकिन अय्यर को भी सलाह दी कि इस मौके पर जिम्मेदारी से बोला जाना चाहिए।

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