Monday, September 6, 2010

वह हमेशा मेरे साथ रहेंगी

Har khabar kuch kehati hai
'मेरी मां बहुत सुंदर और बहुत अच्छी थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह कभी मर नहीं सकती। मेरी मां ने मुझसे कहा था

कि वह हमेशा मेरे साथ रहेंगी। इसीलिए मैंने उनकी डेथ के बारे में किसी को नहीं बताया था। उनकी मौत पिछले साल दिसंबर में हुई थी।'

यह बयान है उन शालिनी मेहरा का, जो अपनी मां के शव के साथ एक ही फ्लैट में महीनों से रह रही थी। उन्होंने सोमवार को एनबीटी को बताया कि मेरी मां ने ही उनकी मौत के बारे में किसी को खबर न देने और साथ रहने के लिए कहा था। शालिनी को देखकर यह अनुमान लगाना मुश्किल था कि वह किसी शव के साथ महीनों तक रही होंगी।

साकेत के 'डी-58' में ग्राउंड फ्लोर पर शालिनी मेहरा रहती हैं। उनकी मां विनोदिनी गुप्ता (80) का शव शनिवार दोपहर पुलिस ने उनके फ्लैट का गेट तोड़कर बाहर निकाला था। पुलिस ने बताया कि फ्लैट में जबर्दस्त बदबू फैली हुई थी। पीछे वाले कमरे में बिस्तर पर पड़ा शव बुरी तरह सड़ चुका था। उसे पैक करने में पुलिस को खासी कठिनाई हुई। हाथ लगाते ही शव बिखर रहा था। ऐसी डेड-बॉडी के साथ शालिनी मेहरा अकेले महीनों से रह रही थी। हालांकि शालिनी पिछले साल दिसंबर में मां की मौत बता रही है, लेकिन बयानों और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मौत दो-तीन महीने पहले हुई थी।

पोस्टमॉर्टम के बाद एम्स के डॉक्टरों ने पुलिस को बता दिया है कि विनोदिनी गुप्ता की मौत नैचरल थी। उनके पति पुरुषोत्तम लाल गुप्ता की मौत 10 साल पहले हो चुकी थी। पहले वह इंग्लैंड में रहा करते थे। साकेत आरडब्ल्यूए के प्रेजिडेंट बंसीलाल के मुताबिक इंग्लैंड से आने के बाद उन्होंने साकेत में घर बनाया था। शालिनी मेहरा ब्रिटिश नागरिक है। उनकी शादी दिल्ली पुलिस के पहले आईजी डी. डब्ल्यू मेहरा के बेटे रोनेश मेहरा से हुई थी, लेकिन उनमें अलगाव होने के बाद शालिनी अपनी मां के साथ रह रही थी। उनकी बेटी रेहाना मेहरा बेंगलुरु में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं।

इस बिल्डिंग के सिक्युरिटी गार्ड सुरेश सरवरिया के मुताबिक, उसने पिछले तीन महीने से विनोदिनी को नहीं देखा। उससे पहले वह अक्सर बाहर गेट तक आ जाया करती थी। सरवरिया ने बताया कि उसने शालिनी से उनकी मां के बारे में जानना चाहा तो वह जोर से डांटती थी। उसने बताया कि शालिनी हमेशा घर के अंदर अकेली रहती हैं। घर के अंदर खड़ी उनकी मारुति 800 कार सालों से नहीं चली है। शालिनी मेहरा के पड़ोसी मानक गुप्ता ने बताया कि वह किसी पड़ोसी से कभी बातचीत नहीं करती।

गार्ड सरवरिया ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे इस बिल्डिंग में पानी के मीटर चेक करने दिल्ली जल बोर्ड का कर्मचारी राजेंद्र भड़ाना आया था। वह खटखटाता रहा , बहुत देर बाद शालिनी ने दरवाजा खोला। भड़ाना ने सरवरिया को अंदर किसी बुजुर्ग महिला के बाल पड़े होने और बदबू आने की जानकारी दी। दोनों फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाले के . एल . भाटिया के पास पहुंचे। भाटिया ने पुलिस कॉल की। पुलिस के लिए शालिनी ने गेट नहीं खोला तो गेट तोड़ना पड़ा। अंदर विनोदिनी गुप्ता की लाश पड़ी थी।

पुलिस अफसरों के मुताबिक शालिनी की दिमागी हालत पूरी तरह ठीक नहीं है। उन्हें काउंसलिंग की जरूरत है। पुलिस अफसर ने बताया कि नैचरल डेथ होने के बाद शव को घर में रखने के बारे में कानूनी सलाह ली जा रही है। पांच साल पहले तिमारपुर में एक एएसआई की मौत के बाद उसकी पत्नी तीन महीने तक लाश घर में रखकर धूपबत्ती जलाती रही थी। उसे अपने पति के दोबारा जीवित होने का यकीन था। उस मामले में भी महिला के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई

3 comments:

  1. रोंगटे खड़े कर देने वाली पोस्ट।
    मां से इतना लगाव....
    आभार पुरविया जी।

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  2. कौशल जी, अखबार में खबर तो देखि थी........ पढ़ नहीं पाए. पूर्विया में रु-बरू हुवे.
    अब क्या कह सकते हैं.......
    बस एक बात कि इतनी भावुकता जीवन में ठीक नहीं.... जीवन को उल्लास वहीन और दुखी कर देती है.......

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  3. sahi kaha deepak ji..... zindgi kisi ke liye nhi thaharti ye baat hame swikar karni chahiye.... :)

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