Wednesday, September 22, 2010

भूल गया सब कुछ याद नहीं अब कुछ

भूल गए सब कुछ याद नहीं अब कुछ बात य ही मामूली ,
कितना आसान है यह कहना की में तो भूल गया ,
आप के इतना भर कहना से पता नहीं सामने वाले पर क्या बीती यह शायद आप को नहीं मालूम ,
क्या आप कभी कुछ भूले है ,यात्रा का टिकेट ,टेलेफोन का बिल, बिजली का बिल, सब्जी का लाना ,बीबी का जनम दिन ,कभी न कभी तो हर आदमी कुछ न कुछ तो भूलता ही है ,भूलना आदमी की फितरत में शामिल है ,
कभी कभी लोग भुलाने का नाटक भी करते है की यार में तो भूल गया क्या आप के साथ कभी भूलने का इत्तफाक हुआ है अगर हुआ है ---------------------------------------

5 comments:

  1. आदमी भूलता तभी है जब उस कार्य को सीरियसली नहीं लेता। नहीं तो कैसी भी व्‍यस्‍तता हो कार्य याद ही रहते हैं। हाँ उम्र के साथ जरूर भूलने का स्‍वभाव हो जाता है।

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  2. मनोज जी, पहले ये बताइए कि "पूर्विया" ब्लॉग पर आप आना क्यों नहीं भूलते.





    और दूसरी बात
    हार्दिक शुभकामनाएँ किस बात कि दे रहे हैं.

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  3. @ मनोज जी, अच्छा लगता है आपका आना. आते रहिये. आभार

    @ दीपक बाबा, आप जो भी कहो, मगर लेट ही सही आप आये तो. और हाँ, आज खुशदीप भाई की कमी खाल रही है.

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