Thursday, September 30, 2010

हरी अनंत हरी कथा अनंता

हरी अनंत हरी कथा अनंता
सुंदर विचार मन में आये तो लिखंत तुरन्ता
आज के मानव का तुरत फुरत में विस्वास है
इसलेय जब भी कोइए सुंदर विचार मन में आये
तुरंत का तुरंत कही न कही लिख देने चाहिय
आज के लिया इतने ही विचार मन के अंदर अभी तक आये है

3 comments:

  1. हरी अनंत हरी कथा अनंता - कहहि सुनाही बहुविधि सब संता

    ........ सुंदर विचार मन में आये तो लिखंत तुरन्ता

    भाई रात में तुलसीदास ते राम राम हुई थे के....

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  2. म्हारी भी राम राम दे देते.

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