Saturday, September 25, 2010

करामाती आइना

"आइना भी क्या चीज बनाई है
अचानक एक दिन आईने में खुद को जो हमने गौर से देखा,वो दिन था और आज का दिन हे खुद के सिवा कोई अच्छा नही लगता.कल कुछ लोग थे अपने जिनके चेहरे पर झिल्लियाँ नकाबों सी थी नकाब हट गए सारे अब उनमे कोई अपना सा नहीं लगताधुंध छट गई दिल की रिश्तों के मायने बदल गए हैं सारे अब तो अजनबी करामातों से भी डर सा नहीं लगता ."

1 comment:

  1. लगताधुंध छट गई दिल की रिश्तों के मायने बदल गए हैं सारे अब तो अजनबी करामातों से भी डर सा नहीं लगता .....
    ...sach jab roj-roj karamat koi dekhne lagta hai to wah karamat nahi lagta wah to samanya sthiti jaisi lagti hai...
    bahut achhi prastuti

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