Thursday, September 2, 2010

धनिया नै हम को लुटा

कल की बात है श्रीमती जी नै कहा की मण्डी से हरा धनिया ला दो तो हरा धनिया की चटनी बना दू हमना कहा की ठीक है हम ले आती है बड़े मन से सब्जी मण्डी पहुच गया वह दुकानदार से हरा धनिया की एक गड्डी मागी उसना दी हम गलती से bhav पूछ बैठा वो बोला 120= 00 रूपया किलो है हम तो हैरान हो गया की हरा धनिया का कीमत यह है लेकर आया लकिन बहुत ही सोच मैं पढ़ गया की भारत देश मैं जहा पर लोग रोटी और चटनी बड़ा मन से खा लेते है वहा पर हरा धनिया की यह कीमत है ,संसद की कैंटीन मैं नॉन veg की थाली की कीमत पंधरा रूपया है सारा का सारा मजा तो गरीब सांसद लूट रहा है आम आदमी तो हरा धनिया की चटनी भी जी भर के खा नहीं सकता है लकिन चटनी बहुत ही बढ़िया बनी थी ----आप के विचार सादर आमंत्रित है

15 comments:

  1. बिलकुल सही कहा आपने इन संसदों से गरीब कौन हो सकता है। हम आपको तो बिना चटनी रोटी मिले तो भी गनीमत है।

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  2. बहार निकल कर देखिये कुछ भी सस्ता नहीं सिवाय जान के ....अच्छी प्रस्तुति ....
    ( क्या चमत्कार के लिए हिन्दुस्तानी होना जरुरी है ? )
    http://oshotheone.blogspot.com

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  3. aam aadmi ko roti mil gaya wohi bahut hai nirmala ji nai bilkul sahi keha

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  4. Rajneesh ji aap kai baat sahi hai ki jaan sai sasta kuch bhee nahi hai .

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  5. कौशल जी, बहुत बढिया..... धनिया कि चटनी के बहाने सही........ हमें धनिये कर मूल्य मालूम करवा दिया......... तभी सोचे ... आजकल भोजन में चटनी क्यों गायब है.....


    .... रात के भोजन ले लिए चर्चा का अच्छा विषय है.

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  6. तभी सोचे ... आजकल भोजन में चटनी क्यों गायब है

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  7. गनीमत है अभी भाव कुछ कम हो गए है | यंहा राजस्थान में जब लू चलती मई के महीने में हरा धनिया २०० रू किलो में भी नहीं मिलता है | धनिया गरीबी की नहीं अमीरी की वस्तु है |

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  8. इतनी महंगी धनिया खाएंगे तो दाल में मुर्गी का स्वाद आना ही था ... :)

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  9. saiya ! to khube kamaat hai, mahangayee dian khaye jaat hai!

    aapki ye post mujhe bahut pasand aayee...tahe dil se shukriya!

    aur haa!! aap "gaurtalab" par aaye uska bhi bahut shukriya

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  10. ये धनिया भी सोनिया गाँधी है भैया ...और शरद पवार की बीमारी लगी हुयी है ...

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  11. होनेस्टी साहिब से हम सहमत है........................

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  12. धनिया धन्य हुई इतना दाम पा कर वरना एक जमाने में सब्जी खरीदो तो साथ धनिया यूँ ही रख दी जाती थी.

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  13. धनिये की प्रगति में भी गति छिपी है।
    यह धनिया प्रेमचंद जी वाला नहीं है
    कंप्‍यूटर-इंटरनेट-मोबाइल के युग का धनिया है
    इसे भी चमकने दो
    हरे रंग को और गहरा होने दो
    इसने क्‍या कोई पाप किया है
    यह धनिया है कोई हरी घास नहीं है
    इसे शेयर बाजार में जरा आने तो दो
    सेंसेक्‍स का स्‍वाद इसी में आया करेगा
    धनिया है हरा, मन को हरा कर जाया करेगा
    पर्यावरण को महकाया करेगा
    अभी तो क्‍या बारिश हुई है
    और बारिश की बरसात लाया करेगा।

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  14. धन्य है धनिया
    जिसने इतने बड़े बुद्धिजीवियों को विचलित कर दिया.....

    - धन और धान्य के लिए जो परेशान न हुवे

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