ये बंटी चोर पत्ता नहीं किस भले मानुस के लेख के हेडिंग चुरा कर हर जगह बांटता फिर रहा है? पहले समयचक्र वाले मिश्र जी परेशान थे, फिर एक दीपक बाबा त्राहिमाम दिखे.
हंसी भी आती ही – और कुछ क्षोभ सा भी होता है. हमने भी एक बार किसी ब्लोग्गर कि कविता उड़ा कर अपने ब्लॉग में चस्पा कर दी थी..... पर ये सब अनजाने में हुवा था.... कई लोगों के कमेंट्स आये – किसी ने नाराज़गी दिखाई ......... किसी ने समझया.
हमें पता चला कि हम जो कर आये- वो चोरी है.
पर आजकल ३ दिन से इस बंटी चोर ने ब्लॉग जगत में हल्ला मचा रखा है........ आपकी क्या राय है. बंटी चोर के बारे में आपके सुझाव आमंत्रित हैं.
BEHTREEN HAI RAJU CHOR KI ENTY
ReplyDeleteकमाल है - बंटी चोर ने ये पोस्ट चोरी नहीं की. कर लेता तो बढिया था. उसी का माल है - और उसी को लौटाने के लिए बैठे हैं.
ReplyDeleteजनाब अपना ही माल कोई चोरी करता है क्या ..... पर ते हडिंग तो मेरा ओरिजनल है भाई ....
ReplyDeleteव्यवस्था कर रहा हूँ ..कल पोस्ट उड़ा दी थी आज जरा दिक्कत हो गई ... कल मैंने पहले अपनी पोस्ट गूगल बज में पोस्ट कर दी थी शायद वही धोका हो गया है क्योकि उस समय चिटठा चर्चा जगत खुल नहीं रहा था .. परेशान तो मैं नहीं हूँ .....परेशान तो वो होते हैं जिन्हें पैसा कमाना होता है .... अब गूगल में जाकर हैकिंग के बारे में पढ़ रहा हूँ ... की इसे किस प्रकार रोका जा सकता है ... आप भी मेरे ब्लॉग पर पढ़ें ...
ReplyDeleteआप ही बताये क्या मंदिर और मस्जिद उन गरीबो का पेट भर सकते है जो भूक से मर रहे है ..... सरकार भर सकती है पर नहीं भरेगी .... क्योकि सड जाये पर मुफ्त नहीं देंगे
ReplyDeleteबंटी जी आपकी इस टीप से सहमत हूँ .... मंदिर और मज्जिद गरीबों का पेट नहीं भर सकते हैं ....
ReplyDeleteहमारे विचार से जिस तरह सब लोग मंदिर की तरफदारी कर रहे है .... कभी तरफदारी की है एक सच्ची सरकार की ... कर ही नहीं सकते
ReplyDeleteमिश्र जी, हम समझते हैं कि हम यहाँ पैसा कमाने नहीं आये हैं - बस मन कि 'छपास' मिटाने आये है. बाकि कौशल जी ने जैसा कहा दीपक बाबा को त्राहिमाम कर रखा है - क्यों नहीं होंगे भाई - एक बंद दन-दनादन टिपण्णी भेज कर परेशान कर रहा है - और एक कविता हमने बड़े मूड से लिखी थी - उसको ले उड़ा सीना जोरी से साथ - तो क्या कहा जा सकता ही.
ReplyDelete@ चोर भाई, कृपया हमारा लिंक तो दिया होता - एक निवेदन ही कर सकते हैं आप जैसे कलाकार के पास. दूसरा अब ये मंदिर-मस्जिद कब डोवोगे. इसको खत्म करो और एक नए मुद्दे के साथ बहस चालू करो.
जय राम जी की.
जनाब हमारा काम है चोरी करना .... लेकिन आप को सबसे पहली टिप्पणी के द्वारा बता देते है ... आप भी हमारे ब्लॉग पर आये और इस रचना पर अपना दावा ठोक दे .... रही बात लिंक देने की तो जनाब जिस दिन इस चोर को आपकी रचना दिल को छु जाएगी उस दिन आपका लिंक भी दे दिया जायेगा ...
ReplyDeleteपर इसका ये मतलब नहीं है कि आपने अच्छा नहीं लिखा .... अरे अच्छा नहीं लिखा होता तो चोरी ही नहीं होता ...
ReplyDeleteमिश्र जी, आपके ब्लॉग पर आकर हमें आपकी शिकायत पता चली थी. बात परेशानी कि क्यों नहीं है ? जब एक पोस्ट ही आपने इस बारे में लिख दी तो जाहिर सी बात है कि कहीं न कहीं परेशानी तो है.
ReplyDeleteदूसरे दीपक बाबा, भाई आजकल निवेदन का जमाना ही खत्म हो गया ये बात हम चोबारा बंटी चोर कि टिपण्णी देख कर कह रहे हैं. पहले दिल छु लेने वाला कुछ लिखो - अगर नाम करना है तो.
तीसरी बात- बंटी चोर जी, बढिया है लगे रहो मुन्ना भाई कि शैली में . जिनको रोना है वो रोयें - आप काहे परेशान हो रहे हैं.
सही समझे पुरवैया जी....
ReplyDeleteआप अच्छा लिखोगे तो हम चुरायेंगे जरुर... बेकार लिखने से अच्छा है कि लिखो ही मत .....
ReplyDeleteऔर फिर पहले तो आपके ब्लॉग पर ही पोस्ट होता है ..... हम तो बस शीर्षक बदल कर पोस्ट कर देते है ...
ReplyDeleteबंटी चोर तुम्हे अल्लाह का वास्ता चोरी छोड दो . शरियत के हिसाब से अपने जुर्म की सज़ा तो जानते ही होगे तुम .
ReplyDeleteभैया किस भले मानुस ने कहा कि हम मुस्लमान है शरियत गयी माँ चु.... .....
ReplyDeleteजानिए ताऊ पहेली का जवाब
ReplyDeleteबिदला हॉउस, (गाँधी स्मृति), नई दिल्ली , भारत
http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/94.html