जिस पर आप कुछ लिख सकते है हम आप कपो बताते है
कि परचा जिसको आज कल लोग मामूली समझते है
आप के जीवन मैं उसका बहुत ही महतव है
आप के पैदा होने से लेकर मरने के बाद तक परचा का बहुत ही योगदान है
१.जब अप प्रोसेस मैं थे तब डाक्टरनी का परचा
२.प्रोसेस से आने के बाद पंडित जी का परचा
३.लोगो के साथ खुसी बटानेवाला लोगो कि लिस्ट का का परचा
४.आब उसके बाद आप कई स्कूल कि लिस्ट का परचा कि किस स्कूल मैं आप भर्ती होंगे
५.अब आप धरातल पर आ गए स्कूल कि किताबो का परचा/फीस का परचा/
६.सबसे कठिन आप के इम्तिहान का परचा
इन सब के बाद फिर सुरु होता है आप कि नै जिंदगी का परचा
१.शादी का परचा उस पर होती है भरपूर चर्चा
२.शादी के सामान का परचा
३.लालजी के खर्चे का परचा
मरने का बाद फीर वही परचा कि ये लाना है वो लाना ही यह परचा नहीं रहा
वो परचा नहीं मील रहा --------
पर्चे के बारे मैं लालाजी ने सही कहा है
कि पहेले लिख और पीछे देख भूल गया तो कागज मैं देख
एक ग़ज़ल सुनी थी की "देख तमाशा लकड़ी का"
ReplyDeleteतो मियाँ आपने तो नई गजल पेश कर दी ...........
देख तमाशा पर्चे का.......
कमाल का प्रयोग! मज़ा आ गया। बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteया देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
फ़ुरसत में …बूट पॉलिश!, करते देखिए, “मनोज” पर, मनोज कुमार को!
परचा पुराण..
ReplyDeleteअच्छी रही यह पर्चे की चर्चा ....बहुत खूब
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