Sunday, January 16, 2011

वाद विवाद प्रतिवाद

वाद ,विवाद,प्रतिवाद यह सब हम जैसे लोगो की समझ से बाहर है।
हम जैसे लोग किसी वाद,विवाद में नहीं पड़ना चाहते है,
लेकिन कुछ लोग वाद,विवाद जरूरी समझते है
बिना इसके लगता है की उनकी रोटी नहीं पचती है,
य वाद,विवाद से उनकी शान बढती rअहती है ,

7 comments:

  1. आप सही कह रहे हैं .....रोटी पचाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा

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  2. बहुत सही कहा है..खाना पचाने के लिए वाद विवाद का चूर्ण भी कुछ लोगों के लिए ज़रूरी होता है..

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  3. वाद विवाद के दंगल के बाहर भी एक भरा पूरा विश्व है।

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  4. 100 % सहमत ........... शान्ति सबसे भली.

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  5. सुन्दर भावाव्यक्ति ।

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