Sunday, January 23, 2011

कुछ न लिखो तो अच्छा है

आज जनाब सुबह सुबह फ़ोन की घंटी बजी एक साहब ने फ़ोन किया राम राम के बाद
पूछा किया बात है भाई आज कल कुछ लिख नहीं रहे हो हम ने कहा मत पूछो भाई
बोले किया बात है हमने कहा कुछ नहीं हम कोई लेखक नहीं है
हमारी यह कोई रोजी रोटी नहीं जब मन होता है तब कुछ लिख लेते है
नहीं मन होता कुछ नहीं लिखते और हमारी रोटी भी बिना लिखे पच जाती है
पढने की कोशिश जरुर करते है कभी कभी कुछ अच्छा पढ़ने को मिल जाता है
जय बाबा बनारस ---------------------------------------------

9 comments:

  1. पढने की कोशिश ज़ारी रहनी चाहिए।

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  2. कौशल जी,

    लिखो यार, जय बाबा बनारस के जयकारे से लिखो।

    'निरामिष' के समर्थन के लिये आभार

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  3. ठीक ही कहा ...लिखना तो मन के हिसाब से ही होता है..

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  5. बिलकुल सही कह रहे है आप .. जय बनारस बाबा ...

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  6. खुश रहना ही ध्येय है।

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