Wednesday, March 2, 2011

आरक्षण को माँगना , भीख माँगने जैसा है ।

1.क्या कबीरदास ने कभी आरक्षण की मांग की थी ?.
२.क्या रेदास ने कभी आरक्षण माँगा  था?



अल्पसंख्यक होने के नाम पर आरक्षण को माँगना , भीख माँगने जैसा है 


 इस तरह से माँग करके हम हज़ारों अन्य प्रतिभाशाली भारतीयों का हक मारते हैं 
क्या आप आरक्षण की मांग करते है .


आज की मायावती आरक्षण के कोटे से  सूबे की मुखिया   है ?



5 comments:

  1. आरक्षण की आग में न जाने कितने क़ाबिल और होनहार लोगों का हक़ जल कर भस्म हो जाता है !

    ReplyDelete
  2. पुरानी आदत है, इतनी आसानी से नहीं छूटती, :) महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  3. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  4. हम संविधान को मानते हैं।

    ReplyDelete
  5. एक बार तो सभी को मौका मिलना चाहिए.

    ReplyDelete