Wednesday, October 12, 2011

क्या प्रशांत भूषण की पिटाई सही है या प्रशांत भूषण का बयान सही था ??????

 प्रशांत भूषण ने 25 सितंबर को वाराणसी में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कश्मीर के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया था...ये रहा वो बयान...क्या प्रशांत भूषण की पिटाई सही है या प्रशांत भूषण का बयान सही था

जम्मू-कश्मीर को बल के ज़रिए देश में रखना हमारे लिए घातक होगा...देश की सारी जनता के लिए घातक होगा...सिर्फ वहां की जनता के लिए नहीं पूरे देश की जनता के हित में नहीं होगा...मेरी राय ये है कि हालात वहां नार्मलाइज़ करने चाहिए...आर्मी को वहां से हटा लेना चाहिए...आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर एक्ट को खत्म करना चाहिए...और कोशिश ये करनी चाहिए कि वहां की जनता हमारे साथ आए...अगर उसके बाद भी वो हमारे साथ नहीं है...अगर वहां की जनता फिर भी यही कहती है कि वो अलग होना चाहते हैं...मेरी राय ये है कि वहां जनमत संग्रह करा के उन्हें अलग होने देना चाहिए...

प्रशांत भूषण के इसी बयान की वजह से उनकी वहशियाना अंदाज़ में थप्पड़-घूंसे-लात से पिटाई की गई...

क्या इस तरह का बयान देना  देश हित मैं है  प्रशांत भूषण जी यह कियु भूल गए की उसी कश्मीर मैं कुछ लाख कश्मीरी पंडित रहते थे वह आज कल  कहा  पर है  ......????????

10 comments:

  1. जय बाबा बनारस .....

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  2. दोनों ही गलत लग रहे हैं।

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  3. दोनों ही गलत हैं।

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  4. अगर कानून ने अपना काम किया होता तो ये नौबत नहीं आती, लेकिन कानून वकीलों पर काम नहीं करता है क्या?

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  5. हम सभी अन्नाजी की देशभक्ति का आदर करते हैं ओर उनके भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का पूरा समर्थन भी लेकिन ज़रूरी नहीं कि उनकी टीम के सभी सदस्य भी उनके जैसे बेदाग सॉफ ओर ईमानदार हो. हम तालिबानी पागलपन के पक्ष में नहीं हैं परंतु भगतसिंघ की नीति पर चलने वालों की ज़रूर तारीफ करना चाहेंगे.

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  7. तरीका ग़लत है लेकिन थप्पड़-घूंसे-लात से पिटाई जायज़ है.
    कश्मीर देश का हिस्सा है. अगर कश्मीर को अलग करना चाहते है तो देश की जनता को फ़ैसला लेना चाहिए की क्या देश की जनता भी कश्मीर को छोड़ने की इच्छा रखती है.
    प्रशांत भूषण को इस तरह के गंभीर विषय पर अपने बयान नही देने चाहिए नही तो अभी तक अन्ना जी के आंदोलन से जो कमाया है वह मिट्टी मे मिल जाएगा मेरे हिसाब से तो यह बयान देशद्रोह के रूप मे देखा जाना चाहिए.

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  8. 1. गुंडागिर्दी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिये।
    2. अपराधी को कानूनी तरीके से अपराध की सज़ा मिलनी चाहिये न कि किसी राजनीतिक पार्टी से अफ़िलियेशन की - हाँ जिन पार्टियों की विचारधारा में हिंसा या आतंकवाद स्वीकृत है उन पर पूर्ण प्रतिबन्ध होना चाहिये।
    3. जहाँ तक मुझे मालूम है, पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला करते समय वहाँ की जनता या प्रशांत भूषण से नहीं पूछा था।
    3. जिन लाखों कश्मीरियों को मार दिया गया है या विस्थापित कर दिया गया है कभी किसी ने उनकी राय जानने की चेष्टा की?
    4. रायशुमारी से मसले हल किये जाने लगे तो अपराधियों के गैंग बहुत से मसले यूँ ही हल करा ले जायेंगे अपने-अपने पाकिस्तान बनाकर।
    5. पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में बसे पाकिस्तानियों को बाहर निकालकर केवल कश्मीरियों की रायशुमारी कराने के बारे में मि. भूषण के पास कोई प्लान है क्या?
    6. अक्साई चिन में जनमत संग्रह क्या चीनी फ़ौज़ से करायेंगे?
    7. देश की किसी समस्या के बारे में राय व्यक्त करने का अधिकार हर नागरिक को है - हम उनसे सहमत-असहमत हो सकते हैं मगर ज़िम्मेदार लोग अति-जटिल राजनीतिक-आर्थिक-मानवीय समस्याओं के अति-सरलीकरण से भी बचें।
    8. गुंडों को तुरंत पकड़ा जाये।

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  9. पिटाई किसी समस्‍या का समाधान नहीं है !!

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  10. गलत का फल गलत ही मिलेगा ... पर इतना गलत ... ये ठीक नहीं ...

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