अमा इतना खुस गवार मौसम है अपनी इस प्यारी दिल्ली का
और तू कैसा ब्लॉगर है की कुछ लिखता ही नहीं
कुछ नहीं तो यही लिख दे की आज का मौसम बहुत अच्छा है इसलिए
कुछ लिखने का मन नहीं कर रहा है फिर भी कुछ लिख रहे है
अबे किया खाक लिखा है लिख ने को मसाला तो बहुत है
लेकिन ........तू कैसा ब्लॉगर है....समय की धारा के साथ साथ कुछ सार्थक लिख
चलो आज कुछ तो लिखा कल कुछ और लिखे गे ...
जय बाबा बनारस.....
और तू कैसा ब्लॉगर है की कुछ लिखता ही नहीं
कुछ नहीं तो यही लिख दे की आज का मौसम बहुत अच्छा है इसलिए
कुछ लिखने का मन नहीं कर रहा है फिर भी कुछ लिख रहे है
अबे किया खाक लिखा है लिख ने को मसाला तो बहुत है
लेकिन ........तू कैसा ब्लॉगर है....समय की धारा के साथ साथ कुछ सार्थक लिख
चलो आज कुछ तो लिखा कल कुछ और लिखे गे ...
जय बाबा बनारस.....
चलिये, लिख लेते हैं..
ReplyDeleteकविता लिखो किस्सा लिखो
ReplyDeleteलिख डालो कुछ यार
शनि लिखो मंगल लिखौ
लिक्खो हर रविवार॥
नव वर्ष की मंगलकामनाये!
सार्थक लिख -
ReplyDeleteआदेश है या निर्देश है..
निमंत्रण है या फिर आमंत्रण है..
बहरहाल टीप लिख रहा हूँ - स्वीकार कीजिए.