Monday, January 2, 2012

तू कैसा ब्लॉगर है

अमा इतना खुस गवार मौसम है अपनी इस प्यारी दिल्ली का

और तू कैसा ब्लॉगर है की कुछ लिखता ही नहीं

कुछ नहीं तो यही लिख दे की आज का मौसम बहुत अच्छा है इसलिए

कुछ लिखने का मन नहीं कर रहा है फिर भी कुछ लिख रहे है

अबे किया खाक लिखा है लिख ने  को मसाला तो बहुत है

लेकिन ........तू कैसा ब्लॉगर है....समय की धारा के साथ साथ कुछ सार्थक लिख

चलो आज कुछ तो लिखा  कल कुछ और लिखे गे ...

जय बाबा बनारस.....

3 comments:

  1. कविता लिखो किस्सा लिखो
    लिख डालो कुछ यार
    शनि लिखो मंगल लिखौ
    लिक्खो हर रविवार॥
    नव वर्ष की मंगलकामनाये!

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  2. सार्थक लिख -
    आदेश है या निर्देश है..
    निमंत्रण है या फिर आमंत्रण है..

    बहरहाल टीप लिख रहा हूँ - स्वीकार कीजिए.

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