संबंधो का हिसाब किताब बात आप लोगो को कुछ अजीब सी लगी होगी की यह क्या कुछ नया चलन शुरू हो गया है भाई अपनी समझ से बाहर है एक सत्य बात है की आज कल लोग अपनों को तो संभाल नहीं पाते बाहर वालो को क्या संभाले गे ....मैं उसके यहाँ कई बार गया वो मेरे यहाँ एक बार नहीं आया ...नहीं आया तो नाही आया ..
.कुछ लोगो की आदत है कि कुछ ऐसा करो कि चर्चा मैं बने रहो
आज कल सम्बन्ध हर आदमी नहीं बना सकता है बना लेता है तो निभा नहीं सकता है यह जीवन कि एक कड़वा सच है . और आभासी दुनिया के सम्बन्ध ......
जैसा कि कल राखी सावंत ने संसद मैं अचानक पहुच कर किया ...
जय बाबा बनारस...
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