Monday, February 25, 2013

एक लडकी ससुराल चली गई,


एक लडकी ससुराल चली गई,
कल की लडकी आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लडकी,
अब ससुराल की सेवा करती बन गई.
कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी,
आज साडी पहनती सीख गई.
पियर मेँ जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED स्कुटी चलाती लडकी,

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2 comments:

  1. घर गृहस्थी में बँध गयी बिटिया।

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  2. यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता

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