Tuesday, May 14, 2013

अल्पसंख्यक जो कर्मयोगी है


भारत में एक अल्पसंख्यक पारसी भी है जो कर्मयोगी है इसलिए वे अल्पसंख्यक होने बावजूद कभी न तो सरकार से आर्थिक सहायता की माग की न ही आरक्षण जैसा मुद्दा उठाया है, अल्पसंख्यक होने के नाते उनका कभी हिन्दू समाज से टकराव नहीं हुआ उस समाज ने सरकार से न तो कोई धार्मिक अधिकार मागे और न ही राजनैतिक अधिकार के लिए संघर्ष किया इसके बावजूद उस समाज से कई संसद और मंत्री व प्रतिष्ठित राजनेता हुए इसी समाज ने नाना पालकीवाला और टाटा जैसा लब्ध प्रतिष्ठित वकील और उद्द्योगपति दिया, इस समाज ने कभी भी भेद-भाव का अनुभव नहीं किया . 
और एक तरफ आप के दुसरे अल्पसंख्यक है जिनका  नेता संसद मैं वन्देमातरम का बहिस्कार करता है 
और एक और है इनका नेता जो की हैदराबाद मैं कहता है की बस १ ५ ,मिनट दे दो ......अल्पसंख्यक।।।।।।।। जय बाबा बनारस ....

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