एक सरदार जी है
उनको अपनी पार्टी के 15-20 लोगों के साथ दिल्ली जाना था.
एक टिकट लिया और चल दिए सबके साथ ट्रेन में... दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो.. टिकट चैकर के सामने जा कर.. आँख से आँख मिलाई और दौड़ लगा दी और.. TC भी पीछे-पीछे,
एक.. पटरी पार की.. दूसरी की.. फिर सरदार जी रुक गए ।
TC ने आके पकड़ लिया और बोला- टिकट.. दिखा.??
सरदार ने टिकट निकाल.. के दिखा दिया ।
TC ने पूछा- जब टिकट था.. तो भागा क्यूँ..??
सरदार जी बोले वो बीस लोग जो मेरे साथ थे वो बिना टिकट के थे उन्हें भी तो बाहर निकलना था ... हा..हा.. हा.. हा.. हा..
इस कहानी का.. निष्कर्ष ये हैं -
कि ये.. सरदार जी .. तो हैं - हमारे सरदार... मनमोहन सिंह..!!! जो ईमानदारी का टिकट ले के सारा प्रपंच रच रहे हैं... और वो बीस लोग हैं- UPA के भ्रष्ट-मंत्री.. -जो करोड़ो के घोटाले करके पार हो गए हैं. किया यह सच प्रतीत होता है ....
जय बाबा बनारस ....
उनको अपनी पार्टी के 15-20 लोगों के साथ दिल्ली जाना था.
एक टिकट लिया और चल दिए सबके साथ ट्रेन में... दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो.. टिकट चैकर के सामने जा कर.. आँख से आँख मिलाई और दौड़ लगा दी और.. TC भी पीछे-पीछे,
एक.. पटरी पार की.. दूसरी की.. फिर सरदार जी रुक गए ।
TC ने आके पकड़ लिया और बोला- टिकट.. दिखा.??
सरदार ने टिकट निकाल.. के दिखा दिया ।
TC ने पूछा- जब टिकट था.. तो भागा क्यूँ..??
सरदार जी बोले वो बीस लोग जो मेरे साथ थे वो बिना टिकट के थे उन्हें भी तो बाहर निकलना था ... हा..हा.. हा.. हा.. हा..
इस कहानी का.. निष्कर्ष ये हैं -
कि ये.. सरदार जी .. तो हैं - हमारे सरदार... मनमोहन सिंह..!!! जो ईमानदारी का टिकट ले के सारा प्रपंच रच रहे हैं... और वो बीस लोग हैं- UPA के भ्रष्ट-मंत्री.. -जो करोड़ो के घोटाले करके पार हो गए हैं. किया यह सच प्रतीत होता है ....
जय बाबा बनारस ....
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