Tuesday, July 16, 2013

कहानी का अर्थ

जंगल में एक शेरनी रहती थी ..
ऊसने तीन बच्चों को जन्म दिया
एक दिन शेरनी तथा ऊसके छोटे 2 बच्चे गुफा में आराम कर रहे थे ...
तभि शेरनी ने आवाज सुनी
जैसे गुफा के बाहर कोई रो रहा हो
शेरनी ने देखा के एक गीदड का बच्चा रो रहा था
शेरनी को दया आ गया और ऊस गिदड को अपने साथ रख लिया ....
धिरे धिरे बच्चे बडे होने लगे
शेरनी बच्चों को शिकार करने ले जाती शेरनी के बच्चे तो माँ के साथ शिकार करते
लेकिन जैसी गीदड कि प्रवृति है वो शिकार के बाद का बचा खुचा ही खा लेता
.
एक दिन शेरनी अकेली बाहर शिकार पर गयी
अब चारों बच्चे जवान हो चुके थे
के अचानक एक हाथी शेरनी की गुफा के बाहर आकर चिंघाडने लगा
शेरनी के बच्चौं को गुस्सा आया वे ज्यों ही बाहर निकलने लगे
तब वो गिदड बोला : अरे कहाँ जा रहे हो
तुम ऊस विशाल हाथी से जित नहीं सकते वो तुम्हें मार देगा
मैं तुमसे बडा हूँ मेरी बात मानो यहीं रहो ...
.
शेरनी के बच्चे मारे गुस्से के कुछ नहीं कहा और शेरनी के आते ही सारी बात बतायी
.
शेरनी ने उस गिदड को अपनी गुफा से निकाल दिया , क्योंकि वो गिदड शेरों को अपने जैसा बना रहा था !!!!

कहानी का अर्थ : शेक्यूलर ना बनें हिन्दूऔं तुम शेर के बच्चे हो .


जय बाबा बनारस ....

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