Wednesday, July 14, 2010

बस एक बार ही बरस कर रह-------

दिल्ली का दरबार मैं मौसम की फुहार सिर्फ एक ही बार आभी तक आई लोगो को मौसम की दूसरी फुहार का कब तक इन्तीज़र करना पड़गा हम सबको भी मौसम का इंतिज़ार है /आब तो सिर्फ यही कह सकता हिया की एक बार आजा आज्जा आ jaa

2 comments:

  1. देखो भाई, जब बादल बरसते हैं तो येही दिल्ली वाले कोसते हैं और नहीं बरसते तो कहते हैं "आजा आजा आजा" बुलाकर दुत्कारना शयद दिल्ली वालों की फितरत है

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  2. My dear deepak Ji yeh to woh wali baat ho gaye ki Waqt meri jindagi main do hi gujara hai kathin ek tera aana sa pahala ek tera jaana ka baad-----------------

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