Sunday, September 12, 2010

आराम ही आराम आलसी का दूसरा नाम आराम

आज सन्डे छुट्टी का दिन है सब लोग हर काम आराम से करना चाहते है पता नहीं कियो यह हमारी मानसकिता बन गयी है की छुट्टी के दिन कुछ भी काम नहीं करना चाहते है बस आराम आराम चलो हम तो उस मैं भी एक आछा काम ढूड लेते है चलो आराम के बहाना ही सही राम का नामे तो लिया तभी तो लोग रग रग मैं राम का नाम बसना चाहता है राम और आराम का बड़ा ही सुंदर ताल मेल है बस आराम करते रहो राम का नाम अपना आप ले लोग वाह रे राम के साथ आराम सुंदर तालमेल है कुछ काम नहीं तो आराम बहुत काम है तो उसके बाद आराम मतलब सब कुछ राम के नाम है प्रेम से बोलो जय सिया राम राम जी का नाम है और राम जी काम है राम जी हम आप को करते बारम्बार परनाम है

1 comment:

  1. भाई, आपने तो याद दिला दी कक्षा ६ की. हिंदी में एक कविता थी........ एक तो पंक्तियाँ तो याद हैं, कवि का नाम याद नहीं आ रहा :

    आराम शब्द में ‘राम’ छिपा जो भव-बंधन को खोता है।
    आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है।
    इसलिए तुम्हें समझाता हूँ, मेरे अनुभव से काम करो।
    ये जीवन, यौवन क्षणभंगुर, आराम करो, आराम करो।

    अत आराम करो : क्योंकि इसी शब्द में राम छिपा है.

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