Tuesday, September 21, 2010

सतयुग में राम की महिमा और कलयुग मै दाम की महिमा

सतयुग से लेकर आज तक राम की महिमा का बखान होता है,
राम का नाम लेकर न जाने कितने ही लोगो नै अपने को तर लिया है
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट अंत कल पछ taye गा जब प्राण जाये छूट ,
राम का नाम आज कल जो लोग कलयुग में लe rahe है, मौज कार रहे है ,
आज कल कलयुग में दाम की बहुत महिमा है इस के liye लोग कुछ भी कर सकते है .किसी नै कहा है
तुलसी जग में दो बड़े दामोदर और दाम ,दामोदर बेठे रहे दाम करे सब काम ,
आप के पास दाम है तो सब काम आसान है दाम है तो राम है नहीं तो राम नाम स--------है

8 comments:

  1. तुलसी जग में दो बड़े दामोदर और दाम ,दामोदर बेठे रहे दाम करे सब काम ,
    आप के पास दाम है तो सब काम आसान है दाम है तो राम है नहीं तो राम नाम स--------है
    .
    अच्छी रचना है ........

    यहाँ भी आये एवं कुछ कहे :-
    समझे गायत्री मन्त्र का सही अर्थ

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  2. सच है, दाम की ही महिमा है चारो तरफ़। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!

    देसिल बयना-गयी बात बहू के हाथ, करण समस्तीपुरी की लेखनी से, “मनोज” पर, पढिए!

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  3. "तुलसी जग में दो बड़े दामोदर और दाम,
    दामोदर बेठे रहे दाम करे सब काम"


    बिलकुल सटीक लिखा है आपने. व्यापार में हमारे बनिया भाई कामयाब इसलिए है कि उनके पास दाम है. कहीं भी छोटे शहर में बैठकर व्यापार को कामयाब कर लेते हैं.

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  4. aap ki kamyabi mai ram ka aur dam ka bahut bada role hai.

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  5. ग़ज़ब .. वैसे भी तुलसी दास कह गये हैं तो ठीक ही होना है ... सत्य को पढ़ लिया था कितनी पहले उन्होने ...

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  6. का बात है - आज खुशदीप भाई नहीं आये हैं. हम भी कुछ क्रांति वाली टिपण्णी पढ़ने दुबारा ब्लॉग पर आये है.

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  7. AAJ LAGATA HAI KI KOIE KAL JYE POST NAHI HAI

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