सर ,सर ,सर जी, मैडम जी माफ़ कीजियगा यह रिज़र्व सीट है आप एहा पर नहीं बैठ सकती है भाई कमाल हो गया आजकल हर जगह पर सीट रिज़र्व होने लगी है अगर आप आज दबंग देखना की कोशिस करै तो पता चलेगा की चार दिन का रिज़र्व बुकिंग है ,किसी होटल मैं जाना चैहा तो पता चलेगा की रूम ही खाली नहीं है रेस्तौरेंट मैं सीट रिज़र्व है रेलगाड़ी मैं सीट रिज़र्व है जहाज मैं सीट रिज़र्व है कमाल हो गया साला हर जगहां पर रिज़र्व ही
रिजर्व आज कल हर आदमी बहुत ही रेजेर्व रहना चाहते है तभी तो कुछ लोगो को मरना के बाद भी उनकी मरना के खबर भी बहुत गुप्त मैं रहती है --------एक सवाल क्या आपभी -----------रहना चाहते है ???????
बस की सीट पर आदमी रुमाल रखे कर कहता है की यह रेजेर्वे है
कुछ नहीं कहेंगे भाई हम भी बहुत रिजर्वे हैं ना.. :)
ReplyDeleteभाई, लगता है साहेब फिल्म देखने गए थे ... पर टिकट नहीं मिला और आराम के बाद निट्ठले बैठे ये पोस्ट ठेल दी.
ReplyDeletebhai lagata hai yeh seat sirf deepak ji logo kai liya hi hai------
ReplyDeleteयथार्थ लेखन।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा ... पर यह टोपिक ही बहुत जबरदस्त है.....बस में रिजर्वेसन ...ट्रेन में रीजर्वेसन .. नौकरी में रिजर्वेसन.. कॉलेज में रिजर्वेसन ..रिजर्वेसन में और रजिस्ट्रेसन में क्या फर्क होगा.. ..भाई हम तो रिजर्व ही रहना चाहेंगे ... आपने लिखा बहुत सुन्दर....अक्सर रेल यात्रा में यही परेशानिया झेलनी पड़ती है.. तो रिजर्वेसन जरूरी हो जाता है...
ReplyDeleteबढ़िया लेख है ....
ReplyDeleteमुस्कुराना चाहते है तो यहाँ आये :-
(क्या आपने भी कभी ऐसा प्रेमपत्र लिखा है ..)
(क्या आप के कंप्यूटर में भी ये खराबी है .... )
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com
आपका भी ब्लॉगजगत में बहुत ऊंचा स्थान रिज़र्व है...
ReplyDeleteजय हिंद...
क्या बात है भाई..........
ReplyDeleteअब तो बधाई स्वीकार कर लो...... सहगल जी ने ब्लॉगजगत में आपका स्थान रिजर्व कर दिया है.
फिर पढता हूँ अभी तो रिजर्व हूँ!
ReplyDeleteवैसे जो भी कह लो , खुन्नस आपने जबरदस्त ढंग से निकाली !
ReplyDelete