Saturday, October 23, 2010

एक तू न मिला

एक तू न मिला सारी दुनिया मिली भी तो क्या है
दुनिया में इंसान को सब कुछ मिल जाये लेकिन
उसको उसके पसंद की कुछ अगर नहीं मिलती है
तब वोह कहता है
एक तू न मिला सारी दुनिया मिली भी तो क्या है
दुनिया में सबको उसके पसंद का सब कुछ नहीं मिलता है
अगर आप को आपकी पसंद का कुछ मिलता है
तो आप राज योगी है

4 comments:

  1. एक और कालजय पोस्ट की बधाई स्वीकार करें.

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  2. एक फ़ार्मूला और भी है मिश्रा जी,
    पसंद का न मिले तो जो मिले उसे पसंद करने लगो। गाना सुनो, "मिले न फ़ूल तो कांटों से दोस्ती कर ली"
    लिखा एकदम सही है आपने।

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  3. बिलकुल सही कहा आपने...किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता...

    नीरज

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  4. सच बात है .....

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    फिर छिड़ी बहस.........

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