Monday, October 25, 2010

न हम कुछ लिखगें न तुम कुछ पढोगे

जब से मानव जाती ने अपने आप को सभ्य कहना शुरु क्या है
गिले शिकवे का दौर उस से पहले से था
न हम कुछ लिखगें तुम कुछ पढोगे
भाई जब हम कुछ लिखंगे हे नहीं तो
आप लोग क्या पढ़ कर अपने विचार लिखियगे
भाई न तो हम और आप जयादा मीठा खा सकते है
और न ही जयादा नमकीन ।
अगर कोइए कुछ लिखता है
तो बहुत आच्छा
और नहीं लिखता है तो और भी आच्छा
भाई पास और फेल का दर उसको होता है
जो parishia दकर आता है
जो स्कूल ही नहीं जाता है उसको किस का डर
न हम कुछ लिखगें तुम कुछ पढोगे
आप के विचार ------------

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