इत्ते बड़े जहां की छोटी छोटी बातें -
बिल्कुल सही बात है जी, नहीं मिलता।
जब टुकड़ों टुकड़ों में जिंदगी जी रहे हों, तो मुकम्मल ज़हाँ के बारे में क्या सोचें ?
बिल्कुल सही बात है जी, नहीं मिलता।
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