छोटी-छोटी खुशियों से ज़िन्दगी बनती है - मैं यह हमेशा ही कहता हूँ कि जीवन में जो कुछ भी सबसे अच्छा है वह हमें मुफ्त में ही मिल जाता है। वह सब हमारे सामने नन्हे-नन्हे पलों में मामूली खुशियों के रूप में जाने-अनजाने आता रहता है. प्रकृति स्वयं उन क्षणों कों हमारी गोदी में डालती रहती है. अपने प्रियजन के साथ हाथों में हाथ डालकर बैठना और सरोवर में डूब रहे सूर्य के अप्रतिम सौन्दर्य कों देखने में मिलनेवाले आनंद का मुकाबला और कोई बात कर सकती है क्या? ऐसे ही अनेक क्षण देखते-देखते रोज़ आँखों से ओझल हो जाते हैं और हम व्यर्थ की बातों में खुशियों की तलाश करते रहते हैं.
इसी क्षण में जीना सीखें - जो पल इस समय आपके हाथों में है वही पल आपके पास है. इसी पल में ज़िन्दगी है. इस पल कों जी लें. यह दोबारा लौटकर नहीं आएगा.
bilkul satya kaha hai aapne poorviya ji..
ReplyDeletesajay babu aaj main jee lo yahi mantra hai.
ReplyDeleteकौशल मिश्रा जी..
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने...
ज़िन्दगी का मज़ा तो अपनों के साथ ही आता है...
मुट्ठी भर आसमान...
अफ़सोस ये है कि हम जहाँ रहते हैं हमेशा उस से ४ कदम आगे खुशियाँ तलाशते हैं... जहाँ खड़े रहते हैं वहां की खुशियों पर ध्यान ही नहीं देते...
ReplyDeleteअफ़सोस ये है कि हम जहाँ रहते हैं हमेशा उस से ४ कदम आगे खुशियाँ तलाशते हैं... जहाँ खड़े रहते हैं वहां की खुशियों पर ध्यान ही नहीं देते... sahi kaha.
ReplyDeleteवह मिश्र जी सच कहा
ReplyDeleteएकदम सही...... इस लिये तो मैं कहती हूं कि
ReplyDelete"टुकडा-टुकडा जी लो पल का
आज गया न कल आएगा "