Tuesday, November 30, 2010

मुस्कुराते पल-कुछ सच कुछ सपने: दिल में राम बसा कर देखो--(विनोद कुमार पांडेय)#c7439960818726771989

ज़िम्मेदारी
घर का बोझ उठा कर देखो"

1 comment: