Wednesday, December 1, 2010
सच्चे प्यार का इम्तहान
एक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने गुलाब को प्रपोस किया , गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा , जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया, ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी इम्तहान नहीं लेना चाहिए, क्यूंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता है , ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है , ये जरूरी नहीं
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इम्तहान
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ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है
ReplyDeleteप्यार में इम्तहान कैसा !!
सच कहा है प्यार किसी परीक्षा का बंधन का मोहताज नहीं...बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeletehttp://veenakesur.blogspot.com/
प्यार के इम्तिहान का परिणाम तो आपने देख ही लिया है
ReplyDeleteये वो फलसफा है - जो आँखों से बया होता है... मानते हैं जी.
ReplyDeleteप्यार में इम्तहान कैसा !! sahi kaha verma ji.
ReplyDeleteswagat hai aap ka
ReplyDeleteसच कहा है प्यार किसी परीक्षा का बंधन का मोहताज नहीं...
प्यार के इम्तिहान का परिणाम तो आपने देख ही लिया है .
ReplyDeletepyar mai sab kuch jayaj hai. saini ji.
baba ji ko subah ki ram ram
ReplyDeleteaap ne maan liya to ham mante hai ki sab ne maan liya.ये वो फलसफा है - जो आँखों से बया होता है... मानते हैं जी.
प्यार का सम्मान करने की शिक्षा देती सुन्दर लघु कथा।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
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