सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है, यह हमारी आकाशगंगा है, सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं, कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी, आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है, किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह, मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे, आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं, मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर, उनमें से एक है पृथ्वी, जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में, इन्हीं में एक है महान सभ्यता, भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए, मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव, भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव, एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण, नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार, शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय, यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां... -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
1 के चौके की राम राम साहेब.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी ....... नये वर्ष की शुभकामनाये.
ReplyDeleteनये वर्ष की शुभकामनाये.
ReplyDeleteसुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
ReplyDeleteयह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
nav varsh shubh-shubh ho.
ReplyDeleteआपको भी शुभकामनायें।
ReplyDeleteनव वर्ष 2011 की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteपुरविया जी,
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ