एगो आदमी राम मन्दिर में जाके भगवान से अपना भुलाईल मेहरारू के खोज देबे के निहोरा कइलसि।रामजी बोललन - बगल का हनुमान मन्दिर में जाके निहोरा करऽ. हमरो मेहरारू ऊहे खोजले रहन.
कबहूँ त भोर होई, कबहूँ छँटी कुहासा‘भावुक’ ई मान लऽ तू आगे अन्हार नइखे
पेन्सिल चार गो बाति सिखावेले :-जवन कुछ करबऽ ओकर निशान रहि जाई
तू आपन गलती हमेशा सुधार सकेलऽ।
असल चीज ऊ बा जवन तहरा भीतर बा।
जिन्दगी अक्सरहाँ दुखदायी तरीका से तहरा के चोख करी.
एगो बात सीखे रही.........
ReplyDeleteअसल चीज ऊ बा जवन तहरा भीतर बा।
बस उर क्वोनो नहीं.........
sab jada mai pagla gayel ba -----
ReplyDeletedekhiye banaras tahasil ke kudi gano me mil jayegi shayad !
ReplyDeletevaah kya bat h
ReplyDeletemere blog par
"mai aa gyi hu lautkar"
समझ मै नही आयी यह भाषा जी, अगर हिन्दी मे नीचे लिख देते तो बाकी हिन्दी वाले भी समझ जाते
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