Sunday, March 6, 2011

आप का मुस्कराना गज़ब हो गया

आप का मुस्कराना गज़ब हो गया
आज सुबह सुबह मन मे एक ख्याल आया
 कुछ नया किया जाये अब मन ने पूछा
 बाबा बनारस क्या करोगे
आज हमने कुछ नया करना था
सुबह सुबह जिसको देखते थे कुछ न  कुछ जरुर उसके बारे मैं सोचते थे,अल सुबह सबसे पहले अपने घर मैं जो मेम्बर है उनका चेहरे देख कर कुछ सोचा ,पुरे दिन मैं कितने लोगो मैं से कुल कितने चेहरे   हसते और मुस्कराते हुए मिले--
घर से निकल कर पार्क की तरफ बड़ी मस्त मस्त चाल से चलने लगे ,
और जो भी राहगीर मिलता एक बार उसको जरुर देखते ,
कुछ लोग रास्ते मैं मिले घर से लाकर पार्क तक एक भी हँसता और मुस्कराता
हुआ कोई  भी नर और नारी नहीं मिला कुछ देर के बाद पार्क मे पहुच गए वह भी वही हाल
कुछ लोग मिले तो नकली मुस्कान के साथ फिर वापसी का समय हो गया .

कुछ देर के बाद फिर वापस अपने इस कार्यक्रम मैं लग गए एक बस स्टाप पर जाकर बैठ गए वह पर बहुत से लोग आ जा रहे थे हाल सभी का एक जैसा ही था बस एक सपाट सा चेहेरा नज़र ही आता था या फिर किसी न किसी उधेड़बुन  मैं एक आम आदमी नज़र आता था  एक मुस्कान के लिया कई घंटे हम वहा रहे  आखिर मैं उब गए की आज एक आम आदमी खुल कर हँस भी नहीं सकता है --

वापस घर आये तब श्रीमती जी ने हँस कर पूछा जनाब आप कहा थे
हमने कहा जिसको खोजा  गली गली वोह घर के आगंन मैं मिली -------------
आप का मुस्कराना गज़ब हो गया

5 comments:

  1. मुस्करा कर अभिवादन करने की बात ही कुछ और है।

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  2. लोग इतना ब्यस्त हो गए हैं कि हँसना भी भूल गए हैं| धन्यवाद|

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  3. आप का मुस्कराना गज़ब हो गया

    behtreen aalekh.

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  4. क्या बात है....बहुत खूब...

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  5. आपको भी मुस्कराता देखना है कौशल भाई ! हँसता फोटो लगाईये ! शुभकामनायें !

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