कुछ जानवर जिनको इंसान बहुत प्रेम करता है और उनका संबोधन बहुत ही प्यार से करता है .
१.कुत्ता .उसको पढ़ना पड़ता है : कुत्ता एक वफ़ा दार जानवर है.
अब आज कल कहा जाता है १.वो सा ......कुत्ता है २.वो कुत्ते की मौत मारा ,
२.गधा एक सीदा सच्चा जानवर १.बच्चे अक्सर इस के शिकार होते है २. अबे गधे कुछ पढ़ ले.
.एक दम गधे की औलाद है .
३.बन्दर ...एक चंचल जानवर कभी यहाँ अभी वहा
४.बैल .....एक दम बैल है कुछ सुनता ही नहीं
५.भैसे ....भैसे की खाल है इसकी
६.बकरी ..किया बकरी की तरह मुह चला रहा है
७.शेर ..किया शेर का दिल है माँ ने किया खाकर पैदा किया था
८.लोमड़ी...एक चतुर और चालक ..अबे लोमड़ी है लोमड़ी बच के रहना ..
९.गाये....एक सीदी सादी गाये हे होती है ...
१०.आदमी से बड़ा जानवर कोइए नहीं है .आदमी एक सामाजिक जानवर है
आदमी और जानवर का बहुत पुराना रिश्ता है जब आदमी का मन करता है उसको पाल लेता है
नहीं तो खा लेता है नहीं तो मार देता है ...आदमी अपने दिल की बात जानवर के उपर कह कर
अपने मन को शांत कर लेता है बहुत कम जानवर आदमी का शिकार करते है .आदमी हर जानवर का शिकार कर सकता है आदमी आदमी का शिकार कर लेता है फिर भी आदमी जानवर को बहुत प्यार करता है ....
जय बाबा बनारस.............
मिश्र जी, ऊँट को काहे छोड़ दिये? कोई नाराजगी है क्या हमसे:) काहे से कि बचपन से ही बहुत सुनते रहे हैं, "ऊँट जैसा हो गया है पर अकल नहीं आई" हमें बहुत अपना सा लगता है। शामिल करियेगा कभी उसे भी अपनी लिस्ट में।
ReplyDeleteबहुत सही कहा है..
ReplyDeleteआज कल बड़ा जानवर के लेख लिखत बाड़ा..
ReplyDeleteहिंदी भवन के दौरा अभी तक आवत बा का..
कुत्ता औरी गदहा ता देखले रहनी इ बाकि तू देखा दिहल
बोलो बाबा बनारस वाले की जय
अपने गुण दोष जानवरों में देखने की परम्परा पुरानी है।
ReplyDeleteआदमी कभी-कभी उल्लू भी बन जाता है।
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