लोकतान्त्रिक और गणतंत्र भारत की महामहिम राष्ट्रपति को मेरा सादर प्रणाम,
मै ४ जून की घटना जो रामलीला मैदान में घटी, उसके बारे में आपको लिख रहा हु. उस घटना को देखने के बाद मै ऐसा महसूस करता हु की अब भारत के नागरिको ने अपना विरोध करने का लोकतान्त्रिक हक भी खो दिया है. जैसा व्यवहार पुलिस ने वृद्धो, महिलाओ और बच्चो के साथ किया है, वो अत्यंत निंदनीय और अमानवीय है. मै आपसे प्रार्थना करता हु की इस घटना के षड्यंत्रकारियो और अंजाम देने वाले लोगो पर कार्यवाही करे और देश के नागरिको के लोकतान्त्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा करे. मै आपसे नेवेदन करता हु की भविष्य में सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग सत्ता की शक्ति का भारत की आम जनता के खिलाफ दुरूपयोग न करे, इस बात को सुनिश्चित करे. भारत की आम जनता भ्रष्टाचार और विदेशी बैंको में जमा काले धन के मुद्दों पर बहुत आक्रोशित है. इस लिए आपसे अनुरोध है की आप इस मुद्दे की ओर अपना विशेष ध्यान रखे और समय समय पर कार्यवाही करे.
जय हिंद
जय बाबा बनारस .............
सी सी टू रामखिलावन (धोबी - रमेश नगर) भी कर देते..... शक्तियों की बात है : राम खिलावन की श्याद कुछ ज्यादा हैं :)
ReplyDeleteआपके पत्र पर कुछ नहीं कहूंगा, अगर कोई कार्यवाही होती है, तो अवश्य कहूंगा?
ReplyDeleteसच मेरा भी समर्थन.
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