गूगल आज कल पता नहीं किया कहना चाहता है
कुछ समाज मैं नहीं आ रहा है
इधर कुछ दिन हम कुछ लिखना चाह रहे थे
देखा गूगल काम ही ......
यह सब गूगल की दादागिरी है
कुछ समाज मैं नहीं आ रहा है
इधर कुछ दिन हम कुछ लिखना चाह रहे थे
देखा गूगल काम ही ......
यह सब गूगल की दादागिरी है
पता नहीं गूगल क्या चाहता है?
ReplyDeleteगूगल थक गया है... बुद्धिजीवियों का भार ढोते ढोते :)
ReplyDeleteदीपक जी ने सही कहा ....!
ReplyDelete:(
ReplyDeleteअब माल उनका है तो कमाल भी उनका ही होगा।
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