Saturday, August 25, 2012

गधों को घोडें मान....

एक मह्त्वाकंकांक्षी राजा ने अपने राज्य में युद्ध व यात्रा के लिए बढिया नस्ल के घोड़े मंगाए | सामान ढोने के लिए कुछ गधो का भी प्रबंध किया गया. एक दिन राजा के वित् मंत्री ने राजा को एक नायाब सुझाव दिया और राजा मुदित हुआ.उसने फोरन घोड़ो को बुलाया,फरमान सुनाया की अब उन्हें बोझा ढोने का काम भी करना होगा.क्योकि राज्य की अर्थ वयस्था सुधारने के लिए गधो की छटनी की जा रही है.घोड़ो को यह फरमान अपमानजनक लगा, 
उन्होंने बोझा ढोने से स्पष्ट मना कर दिया. घोड़ों को देश से निकाल दिया गया . तब राजा ने गधों को बुलाया. फरमान हुआ की उन्हें घोड़ों का काम भी संभालना होगा. गधों के लिए क्या फर्क - सामान या आदमी. उन्हें प्रस्ताव सम्मानवर्धक लगा. उन्होंने तुरंत हामी भर दी. तब से यह देश गधों को घोडें मान कर चल रहा है.




जय बाबा बनारस।.....

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